ट्रायवलः शिक्षा विभाग अधिकारी पसंद बाबू का कमाल…बिना सेटअप उठा रहा आदिवासी विभाग से वेतन…

BHASKAR MISHRA
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ADIVASI DEPART..बिलासपुर—ट्रायवल विभाग अपने आप में मिस्ट्री है। विभाग से आए दिन घोटालो और अन्दरूनी कलह की जानकारी अन्दर से आती रहती है। बावजूद इसके कर्मचारियों की मनमानी कम नहीं हो रही है। शासन के आदेश को ट्रायवल कर्मचारियों ने हमेशा से ढेंगा दिखाया है। ट्रायवल के कर्मचारी खुद को हमेशा सिस्टम से ऊपर मानते रहे हैं। दो साल पहले पद खत्म होने के बाद भी शिक्षा विभाग का कर्मचारी बिना काम किए ट्रायवल विभाग से वेतन उठा रहा है। जबकि उसका पद दो साल पहले शिक्षा विभाग में चला गया है। बावजूद इसके आदिवासी विभाग का दबंग कर्मचारी शिक्षा विभाग में जाने से इंकार कर दिया है। इस दौरान तीन सहायक आयुक्त बदल गए लेकिन अधिकारी पसंद बाबू ट्रायवल विभाग में अंगद की पांव की तरह जमा हुआ है। नए सहायक आयुक्त का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है।

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                            मध्यान्ह भोजन में लगातार मिल रही गड़बड़ियों को गंभीरता से लेते हुए दो साल पहले शासन ने आदिवासी विभाग के मध्यान्ह भोजन सेटअप को जिला शिक्षा विभाग का हिस्सा बना दिया। मई 2015 में शासन ने आदेश जारी कर आदिवासी विभाग के सभी स्कूलों में बटने वाले मध्यान्ह भोजन की जिम्मेदारी को जिला शिक्षा विभाग के हवाले कर दिया। आदिवासी विभाग में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को भी जिला शिक्षा विभाग का हिस्सा बना दिया।

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                                 आदेश के बाद आदिवासी विभाग का मन्यान्ह भोजन सेटअप जिला शिक्षा विभाग में चला गया। आदिवासी विभाग में मध्यान्ह भोजन से जुड़े सभी कर्मचारियों को भी शिक्षा विभाग जाने का आदेश दिया गया। लेकिन बिलासपुर आदिवासी विभाग के एक दबंग कर्मचारी ने शासन के आदेश को ना केवल ठेंगा दिखाया। बल्कि बिना पद के आज भी ट्रायवल विभाग में डटा हुआ है। शिकायत के बाद भी तात्कालीन मध्यान्ह भोजन निरीक्षक सी.एल.दुबे को आज भी कोई टस से मस नहीं कर सका है। शिक्षा विभाग का कर्मचारी सी.एल. दुबे आज भी डंके की चोट पर ट्रायवल विभाग से वेतन उठा रहा है। जबकि इसकी जानकारी जिला शिक्षा विभाग को भी है और ट्रायवल विभाग के अधिकारियों को भी।

सेटअप शिक्षा विभाग में वेतन ट्रायवल से

                       अन्दर से मिली जानकारी के अनुसार सी.एल.दुबे इस समय आदिवासी विभाग में सहायक ग्रेड दो के पद पर हैं। मध्यान्ह भोजन वितरण के समय निरीक्षण का काम करता था। इस दौरान अच्छी खासी कमाई थी। सेटअप शिक्षा विभाग में जाने के बाद दुबे को झटका लगा है। बावजूद इसके जमे जमाए बाजार को छोड़कर शिक्षा विभाग में जाने से मना कर दिया है। यद्यपि कर्मचारियों ने सहायक आयुक्त से सीएल दुबे की कई बार शिकायत की। लेकिन मजाल है कि अधिकारी पसंद बाबू सीएल दुबे को कोई टस से मस कर सके। तात्कालीन सहायक आयुक्त गायत्री नेताम को भी इसकी जानकारी थी। बावजूद इसके उन्होने साशन के आदेश की अनदेखी कर सीएल दुबे को संरक्षण दिया। यह जानते हुए भी कि सीएल दुबे का पद जिला शिक्षा विभाग में मर्ज हो चुका है।

अधिकारी पसंद बाबू हैं सीएल दुबे

                                                सीएल दुबे का विभाग में अच्छा रूतवा है। अधिकारी पसंद होेने के कारण किसी भी कर्मचारी में साहस नहीं है कि दुबे के खिलाफ आवाज उठा सकें। पिछली बार कुछ लोगों ने दुबे की शिकायत सहायक आयुक गायत्री नेताम से की थी…उसका भुगतान शिकायत करने वाले कर्मचारियों को भोगना पड़ा। नए आयुक्त के आने से पहले तक तात्कालीन सहायक आयुक्त एनकेएस दीक्षित का भी सीएल दुबे को अभयदान का वरदान हासिल था। विभाग के नाराज कर्मचारियों ने भी सहायक आयुक्त को छेड़ना मुनासिब नहीं समझा। बताया जा रहा है कि नए सहायक आयुक्त अविनाश श्रीवास को भी दबंग बाबू सीएल दुबे अपने कब्जे में लेने का प्रयास कर रहा है।

विभाग को आर्थिक नुकसानp.dayanand.

                     दो साल पहले आदिवासी विभाग मध्यान्ह भोजन सेटअप जिला शिक्षा विभाग में मर्ज कर दिया गया है। लेकिन सीएल दुबे अब भी ट्रायवल विभाग से चिपके हुए हैं। अच्छी खासी पकड़ के कारम जिला शिक्षा विभाग भी मामले को लेकर उदासीन है। जिसके कारण दुबे की मनमानी बढ़ गयी है। बिना काम काज पिछले दो साल से आदिवासी विभाग से लाखों रूपए वेतन उठा चुके हैं। विभाग को अनावश्यक प्रायोजित तरीके से वित्तीय घाटा हो रहा है।

अभी मैं नया हूं…मुझे जानकारी भी नहीं है –सहायक आयुक्त

                      आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त अविनाश श्रीवास ने बताया कि अभी नया हूं। सीएल दुबे कौन है मुझे जानकारी नहीं है। मध्यान्ह भोजन का सेटअप जिला शिक्षा विभाग में कब गया…मुझे इसकी भी जानकारी नहीं है। सीएल दुबे क्या कर रहे हैं…इसके बारे अभी बताना मुश्किल है। उनका पद क्या था और अभी क्या कर रहे हैं…फिलहाल बता पाना मुश्किल है…। अविनाश श्रीवास ने कहा कि नया होने के कारण मुझ पर जिम्मेदारियां कुछ ज्यादा है। लेकिन गडबड़ियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

आदिवासी विभाग से लूंगा जानकारी–पी.दयानन्द

                    कलेक्टर पी.दयानन्द ने कहा कि मध्यान्ह भोजन सेटअप और कर्मचारी के बारे में मुझे अभी जानकारी मिली है। पता लगाया जाएगा कि आखिर मध्यान्ह भोजन सेटअप जाने के बाद भी संबधित व्यक्ति को ट्रायवल विभाग में क्यों रखा गया है। किस मद से वेतन दिया जा रहा है। सीएल दुबे जिला शिक्षा विभाग में क्यों नहीं गए। मामले की जानकारी सहायक आयुक्त से लेंगे।

बिलासपुर— ताला तोड़कर..सुनील प्रजापति जूना बिलासपुर निवासी

लोकेश मरावी…नवाडीह -9 साल…आशीष यादव…8 साल अमाली कोटा…. नवाडीह गांव गए गणेश वि्सन गए।

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