रायपुर।प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को 50 वर्ष की आयु तथा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर छानबीन और समीक्षा की औपचारिकता पूरी कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के की एकतरफ़ा कार्यवाही जा रही है। जिसका विरोध छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ करते हुए प्रदर्शन आंदोलन कर शासन से मांग कर रहा है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के नाम पर कर्मचारियों का भयादोहन एवं जबरिया बर्खास्तगी की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए। इस माँग का समर्थन छत्तीसगढ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन कने भी किया है ।फेडरेशन के सुभाष मिश्रा ने कहा है कि फेडरेशन राजधानी रायपुर में 8 सितंबर को आयोजित प्रांत व्यापी धरना प्रदर्शन आंदोलन का समर्थन करते हुए शासन से माँग करता है की यह कार्यवाही एकतरफ़ा न हो । फेडरेशन को यह भी सूचना मिली है की सेवा के दौरान बीमार , अपाहिज कर्मचारी , अधिकारी को भी जबरिया सेवानिवृत किया जा रहा है ।
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कर्मचारियों को जिस CR के आधार पर जबरिया सेवानिवृत किया जा रहा है उस कर्मचारियों को CR की एक प्रति दिये जाने का आदेश है ! आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है की यदि किसी कर्मचारी का CR पर *घ “लिखाता है तो *घ “लिखने का कारण भी स्पष्ट करते हुए एक कापी कर्मचारी दिया जाना है , जो नहीं दी जा रही है ! कुछ कामचोर , बेईमान , उद्दंड कर्मचारियों की आड़ मे सबको डंडे से हाँकने की कोशिश का फेडरेशन पुरज़ोर विरोध करता है ।राज्य शासन जिन नियमों के तहत कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे रही है वह नियम अंग्रेजों का बनाया हुआ कानून है।
उन्होंने कहा है कि जिसे सन उन्नीस सौ 56 में राज्य शासन ने यथावत लागू कर दिया ।इस मूल नियम में आपातकाल के दौरान सन 1976 में संशोधन कर इसे और प्रभावी बनाया गया ।फेडरेशन कर्मचारियों को केंद्र के समान मंगाई भत्ता आदेश तत्काल जारी करनेप्रशासनिक सुधार आयोग से प्रतिवेदन प्राप्त कर चार स्तरी समयमान एवं वेतन विसंगति दूर करने,राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा भत्ता अनुसूचित क्षेत्र भत्ता,मेडिकल सुविधा वाहन भत्ता आदि प्रासंगिक भत्तो को लागू किये जाने की माँग का समर्थन करता है ।संघ ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतनमान में पेंशन निर्धारण का आदेश शीघ्र प्रसारित करने की माँग की है ।