सवालों का पुलिंदा लेकर रायपुर लौट गए मंडल,फॉरेस्ट सचिव ने कहा-आरोपों की करूंंगा जांच

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170829-WA0014बिलासपुर—प्रमुख सचिव वन विभाग आर.पी.मण्डल बिलासपुर प्रवास पर आए और पत्रकारों से घिर गए। उन्होने सवालों का जवाब तो नहीं दिया। लेकिन प्रश्नों की पोटली बांधकर रायपुर लौट गए। कहा मैं भगवान नहीं हूं..भाई सारे प्रश्नों का जवाब रायपुर पहुचने के बाद संबधित लोगों से मांगूगा। जाते जाते उन्होने बताया कि भरनी में प्लांटेशन की जानकारी लेने आया था। सब कुछ ठीक है। जल्द ही लौटूंगा सवालों का जवाब देने।

             
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                                                   भरनी में प्लांटेशन की जानकारी और निरीक्षण करने पहुंच बिलासपुर के पूर्व कलेक्टर और प्रमुख वन सचिव मंडल को पत्रकारों के तीखे सवालों के जवाब का सामना करना पड़ा। जवाब देने से बेहतर उन्होने सवालों को नोट कर जेब में डाल लिया। कहा रायपुर पहुचने के बाद सवालों और आरोपों की जांच होगी। जवाब भी मिलेगा। किसी को नाराज होने की जरूरत नहीं है।

                 आरपी मंडल ने पत्रकारों के एक से एक तीखे सवालों का सामना किया लेकिन जवाब किसी का नहीं दिया। उन्होन पेन और कागज लेकर नोट करना शुरू कर दिया। इस दौरान पत्रकारों ने सवाल दागते हुए कहा कि रतनपुर में 2015 में तेंदूपत्ता घोटाले में मुख्य आरोपी पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जबकि तेंदूपत्ता में साढे आठ लाख का घोटाला हुआ था। साढ़े सात लाख रूपए अधिकारियों ने बांट लिए। तात्कालीन एसडीओ को एक लाख देकर म्यूच्युल के तहत निलंबित कर दिया गया। एक अन्य पत्रकार ने मंडल से सवाल किया कि बीस लाख रूपए की लागत से बिल्डिग का निर्माण होना था। मेटैरियल को गिराया गया। बिल्डिंग का आज तक कहीं अता पता नहीं है। शायद कोनी में बनना था। क्या दोषी अधिकारी पर कार्रवाई होगी। मामला 2015 का है।

                           मंडल ने कहा कि मैं भगवान नहीं हूं…इसलिए सारे आरोपों की जांच करूंगा। इसी दौरान एक पत्रकार ने सवाल दागा कि साल 2015 में एक अधिकारी रेंजर और एसडीओं दोनो के प्रभार में होता है। लेकिन रेंंजर की सील लगाते समय दस्तखत कुछ अलग होता है। और एसडीओ के पावर में दूसरा हस्ताक्षर। क्या एक अधिकारी दो हस्ताक्षर दो अलग-अलग पदों पर रहते हुए कर सकता है। यदि नहीं तो इसमें से एक हस्ताक्षर फर्जी है। जिसकी जानकारी सभी को है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। मंडल ने कहा आरोप गंभीर है। इसकी भी जांच करेंगे।

                    बिलासपुर वन परिक्षेत्र में सवा करोड़ रूपए लाख उत्पादन के लिए शासन ने दिया। लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात साबित हुए। सवा करोड़ रूपए योजना में लगा ही नहीं। इसकी जानकारी आपको है या नहीं…उन्होने कहा कि इसे भी हम जांच के दायरे लेते हैं।

                                          बहरहाल मंडल ने सभी सवालों को बड़े आसानी से टाल दिया। मुस्कुराते हुए वन अधिकारियों को अभय दान देते हुए रायपुर के लिए रवाना हो गये।

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