पेंशन का हक छीनने वाली सरकार , अब कर्मचारियों के पेट पर लात मार रही, विरोध प्रदर्शन 8 सितंबर को

Chief Editor
5 Min Read

PRYADAV_MARCH_FILE_VSरायपुर ।छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर सरकार की कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन का फै,सला किया है। इस सिलसिले में 8 सितंबर को  11 बजे से रायपुर के बूढा तालाब में   प्रांतव्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा।जिसे पूरी तरह से सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीस वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष पी आर यादव ने कहा कि   प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को 50 वर्ष की आयु तथा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर छानबीन एवं समीक्षा की औपचारिकता पूरी कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के की कार्यवाही की जा रही है। जिसका छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ आदेश जारी होने से लेकर लगातार विरोध करते हुए प्रदर्शन आंदोलन कर शासन से मांग कर रहा है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के नाम पर कर्मचारियों का भयादोहन एवं जबरिया बर्खास्तगी की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए ।
डाउनलोड करें CGWALL News App और रहें हर खबर से अपडेट
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cgwall

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

                              किंतु सरकार संघ की मांगों विचार किए बिना एकतरफा कार्यवाही कर रही है।इसलिए संघ ने निर्णय लिया है कि आंदोलन का विस्तार करते हुए राजधानी रायपुर में 8 सितंबर को प्रांत व्यापी धरना प्रदर्शन आंदोलन कर शासन के समक्ष विरोध दर्ज किया जाए। इस अवसर पर सेवा से बर्खास्त अधिकारियों कर्मचारियों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अलावा किसी और संगठन ने अभी तक शासन की कार्यवाही का सार्थक विरोध दर्ज नहीं किया है ।श्री यादव ने  उन सभी संघर्षशील संगठनों के साथियों से अपील की है  कि कर्मचारियों के अस्तित्व के संकट के समय एकजुटता प्रदर्शित करें और सरकार के तानाशाहीपूर्ण नीतियों का विरोध करें।
उन्होने कहा कि राज्य शासन जिन नियमों के तहत कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे रही है वह नियम अंग्रेजों का बनाया हुआ कानून है।

                                        जिसे सन उन्नीस सौ 56 में राज्य शासन ने यथावत लागू कर दिया ।इस मूल नियम में आपातकाल के दौरान सन 1976 में संशोधन कर इसे और ज्यादा मारक और कर्मचारियों के लिए ज्यादा घातक बनाया गया। वर्तमान परिस्थितियां कर्मचारी जगत के लिए आपातकाल से ज्यादा त्रासदी पूर्ण है ।क्योंकि आरोपी कर्मचारियों को बिना सुनवाई का अवसर दिए ,पक्ष सुने बिना एकतरफा सेवानिवृत्त करने की कार्यवाही प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है तथा कर्मचारियों की मूल अधिकारों तथा ट्रेड यूनियन अधिकारों का भी हनन है।

                                             उल्लेखनीय है कि सन 2004 में NDA 1 की सरकार ने देश में कानून लाकर कर्मचारियों की पेंशन पाने के अधिकार को छीन लिया था अब वही सरकार है जिनके निर्देशों पर राज्य सरकार कर्मचारियों के पेट पर लात मारने की कार्यवाही करते हुए ,रोजगार से वंचित कर बर्खास्त कर रही है।संगठन की जानकारी के अनुसार प्रदेश में 5000 अधिकारी कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का टारगेट फिक्स किया गया है इसलिए कर्मचारी साथी यह न सोचें कि मेरी बारी अभी तो नहीं आई है आपकी बारी भी कभी भी आ सकती है। क्योंकि यह प्रक्रिया प्रतिवर्ष अपनाई जाएगी।
इसलिए जागरुक कर्मचारी साथियों से अपील है कि 8 सितंबर के एकदिवसीय प्रांत व्यापी धरना प्रदर्शन आंदोलन में भाग लेकर चट्टानी एकजुटता का परिचय देवें ।

                                                     पी आर यादव ने कहा कि  हमारी अन्य मांग है कि कर्मचारियों को केंद्र के समान मंगाई भत्ता आदेश तत्काल जारी किया जाए 2 प्रशासनिक सुधार आयोग से प्रतिवेदन प्राप्त कर चार स्तरी समयमान एवं वेतन विसंगति दूर की जाए 3 राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा भत्ता अनुसूचित क्षेत्र भत्ता मेडिकल सुविधा वाहन भत्ता आदि प्रासंगिक भत्तो को लागू किय जाए।

                                                      संघ की यह भी मांग है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतनमान में पेंशन निर्धारण का आदेश शीघ्र प्रसारित किया जाय। अतः प्रदेश के जागरूक अधिकारी कर्मचारी साथियों से अपील है कि 8 सितंबर के प्रांत व्यापी धरना प्रदर्शन आंदोलन स्थल बूढ़ा तालाब रायपुर के सामने सुबह 11:00 बजे से उपस्थित होकर आंदोलन को सफल बनाएं।

close