बिलासपुर—दवाई खरीद और कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग अवर सचिव ने एक आदेश जारी कर सिम्स के डीन डॉ.विष्णु दत्त को निलंबित कर दिया है। शासन के अनुसार सिम्स डीन ने सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर ही फर्जी तरीके से कर्मचारियों की नियुक्ति की है। दवाई खरीदते समय क्रय नियमों का भी पालन नहीं किया है।
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राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग अवर सचिव एम.एल.ताम्रकार ने एक आदेश जारी कर सिम्स वर्तमान अधीक्षक डॉ.विष्णु दत्त को निलंबित कर दिया है। विष्णु दत्त पर आरोप है कि छत्तीसगढ़ आयुर्र्विज्ञान संस्थान में कर्मचारियों की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर की गयी है। नियुक्ति के समय ना तो नियमों का पालन ही किया गया। ना ही सक्षम अधिकारियों से अनुमति ही लगी गयी है।
इसके अलावा विष्णु दत्त पर आरोप है कि उन्होने सिम्स के लिए दवा क्रय नियमों का पालन नहीं किया। कमीशन और अपनों के हितों को ध्यान में रखकर दवाईयों की खरीदी की है। इसके अलावा डॉ.दत्त के खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं। मामले में जांच के बाद खुलासा हुआ है। आदेश में बताया गया है कि डॉ.विष्णु दत्त हमेशा मुख्यालय से बाहर ही रहते हैं। जिसके चलते प्रबंधन कार्य प्रभावित रहता है।
शासन के आदेशानुसार निलंबित के दौरान डॉ.विष्णु दत्त का कार्यालय स्वर्गीय बलीराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय जगदलपुर रहेगा।
डॉ.रमणेश को बनाया प्रभारी डीन
एक अन्य आदेश में शा्सन ने आदेश दिया है कि नई व्यवस्था होने तक सिम्स डीन प्रभारी डॉ.रमणेश मूर्ति रहेंगे। इस दौरान सिम्स का चालू कार्य प्रभार में अपनी शक्तियों का प्रयोग करेंगे। डॉ.रमणेश मूर्ति इस समय सिम्स में माइक्रोबायलाजी विभाग के प्राध्यापक और एमएस हैं।