पाटनी ने हजारों नौजवानों को दिया कामयाबी का मंत्र..

Chief Editor
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बिलासपुर। जोश कार्यक्रम में युवाओं में जोश भरने आए डाॅ. उज्जवल पाटनी ने युवाओं के मन में उर्जा का संचार करते हुए उन्हें जीवन की परीक्षा में सकारात्मक सोच से लड़ने कहा। इसके बाद उन्होने युवाओं के के सामने एक से बढ़कर एक सफलता के उदाहरण पेश किए। उन्होंने देश-दुनिया के सफल लोगों की गाथा सुनाते हुए उनके मजबूत इरादों को युवाओं के सामने रखा।
डा. सीवी रामन विश्वविद्यालय में आयोजित जोश कार्यक्रम में डा .पाटनी ने बताया कि निगेटिव लोग वायसर की तरह होते हैं। इसलिए अपने आसपास दो-चार विनर या प्रोत्साहित करने वालों को रखें। उन्होंने जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए चार स्टेप बताए। पहला मैं जीवन में क्या पाना चाहता हॅु। दूसरा खुद पर विश्वास  रखा, तीसरा कड़े निर्णय हमेंशा अकेले ही लेने पड़ते हैं और चैथा खुद से बात करने के लिए समय निकाले। डाॅ. पाटनी ने बताया कि ऐसे कर्म करों की माता -पिता बोले की हमें अगले जन्म में ऐसा ही बेटा देना। श्री पाटनी का मनाना है कि मनुश्य अपने आप का सबसे बड़ा दुशमन   और सबसे बड़ा दोस्त है। डाॅ.पाटनी  ने इस बात का विस्वास  दिलाया कि केवल मनुष्य ही कुछ भी सीख सकता है और बदल सकता है। यदि वह सकारात्मक उर्जा के साथ काम करें तो दुनिया का हर काम संभव है। डाॅ. पाटनी ने कहा कि जीवन में यदि लक्ष्य का निर्धारण न हो तो दुनिया के संपूर्ण संसाधन भी आपकी कोई मदद नहीं कर सकते। उन्होंने कैरियर और अर्थिक दिक्क्त झेलने वाले युवाओं के लिए कहा मनुष्य   एमआरपी लेकर पैदा नहीं हुआ है। वह अपनी कीमत अपने कर्माें से तय कर सकता है। इसके लिए मनुष्य को समझना हो की वो क्या बाधा है जो से उसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से रोक रही है। ऐसी बाधा को पहचान कर जीवन से दूर करें।

             
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विचारशक्ति पर जीवन की सफलता
डाॅ.पाटनी ने अपने व्याख्यान में कहा कि आज हर व्यक्ति सफलता चाहता है, लेकिन सफलता के लिए कर्म नहीं करना चाहता। हर बात पर बहाने बनाने लगता है। उन्होंने कहा कि इच्छा शक्ति मन के भीतर होती है, जिस दिन मन की बात सुनकर तय कर लिया जा वहीं दिन बदलाव का होता है और सफलता की ओर पहला कदम भी। मनुष्य अपनी असफलता का कारण स्वयं होता है। हम अपनी विचारशक्ति से जीवन की सफलता की सीढ़ी बना सकते हैं। हमे पता होना चाहिए कि हमें क्या करना है और कैसे करना है।
कमजोरी को बनाएं सबसे बड़ी ताकत
श्री पाटनी ने ओपरा दुनिया की सबसे धनी महिला उदाहरण देते हुए कहा कि इस ओपरा को उसके माता -पिता ने कचरे के डिब्बे में फेंक दिया। आज वह महिला दुनिया की सबसे धनी महिला है। श्री पाटनी ने उनके जीवन से संघर्ष को बताते हुए सीख लेने की बात कही। इसी तरह श्री पाटनी ने एक के बाद बड़ी हस्तियों के उदाहरण और उनके संघर्षों के बारे में बताया तो युवाओं के रोगटे खड़े हो गए और उनके भीतर नई उर्जा का संचार हुआ। डा.पाटनी ने महानायक अभिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, रजत शर्मा,ए.आर.रहमान और जापान के ओकाया के जीवन के संघर्षों के बारे में बताते हुए उनके प्रेरणा लेने की बात कही।
अपमान भी परिर्वतन का कारण बना करता है
डाॅ. पाटनी ने कहा कि वैेसे तो किसी का अपमान नकारात्मक उर्जा देता है और अपराध की ओर प्रेरित करता है, लेकिन इसे सकारात्मक रूप से लेने वाला व्यक्ति ज्यादा सफल हो सकता है, दूसरे शब्दों  में कहू तो यदि कोई आपका अपमान करे तो इस अपमान सकारात्मक सोच के  साथ बदलें तो यही बदलाव आपके जीवन में सफलता लाएगा। कभी-कभी कई प्रयासों के बाद निर्धारित लक्ष्य न मिले तो भी अपने इरादें बुलंद रखें।

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