सीजीवाल।उच्चतम न्यायालय ने उत्तरप्रदेश पुलिस में साढ़े तीन हजार से अधिक उप-निरीक्षको और पलाटून कमांडरों के चयन और नियुक्ति की अनुमति दे दी है।छह साल से ये नियुक्तियां रूकी हुई थी।उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय की लखनऊ और इलाहाबाद पीठ के समय समय पर दिये गये निर्देशों पर रोक लगा दी।शीर्ष न्यायालय ने इन्हें इस संबंध में किसी भी याचिका पर सुनवाई नहीं करने को कहा है।नियुक्ति की यह प्रक्रिया 2011 में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में शुरू हुई थी। उसके बाद इस संबंध में कई मुकदमों के कारण भर्ती की प्रक्रिया की समाजवादी पार्टी की कोशिशें नाकाम रही।
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अब भाजपा सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि पिछले छह वर्ष से उप निरीक्षकों की भर्ती नहीं होने के कारण पुलिस विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और आर0 भानुमति की पीठ ने इस संबंध में कई अपीलों पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को प्रक्रिया फिर शुरू करने का निर्देश दिया। भर्ती की यह प्रक्रिया 19 मई, 2011 को शुरू की गई थी लेकिन अंतिम चयन सूची प्रकाशित होने के बाद कुछ उम्मीदवारों ने समूची प्रक्रिया को चुनौती दी थी, जिसके बाद इसे रोक दिया गया था।