बिलासपुर—सहकार भारती छत्तीसगढ़ महामंत्री राकेश मिश्र ने जिला सहकारी बैंक सीईओ पर घोटालेवाजों को बचाने का आरोप लगाया है। राकेश ने जिला सहकारी बैंक सीईओ और अपेक्स बैंक के प्रमुख पर कई गंभीर आरोप भी लगाये हैं।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सहकार भारती महामंत्री राकेश ने कहा कि जिला सहकारी बैंक के घोटालेवाजों का नाम तीन साल बाद भी सामने नहीं आया। बैंक सीईओ करोड़ों रूपए के घोटालेबाजों को दस्तावेज खंगालने के नाम पर बचा रहे हैं। घोटालेबाजों के खिलाफ तीन साल पहले सरकार ने जांंच बैठाई थी। जांच भी पूरी हो चुकी है। लेकिन दस्तावेज नहीं मिलने का बहाना बनाकर जिला सहकारी बैंक सीईओ घोटालेबाजों को बचा रहे हैं।
राकेश के अनुसार जिला सहकारी बैंक में भर्ती, खाद परिवहन,फर्जीवाड़ा नियुक्ति,बैंक शाखाओं में वित्तीय अनियमितता,और नोट काउन्टिंग मशीन में भारी गड़बड़ी हुई है। खाद परिवहन में 22 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। शिकायत के बाद सरकार ने सचिव और कलेक्टर को जांच के बाद रिपोर्ट भेजने को कहा। आज तक पत्र का जवाब बैंक ने नहीं दिया है। बैंक सीईओ अभिषेक तिवारी विपणन अधिकारियों को नोटिस भेजने और जवाब नहीं मिलने की बात कहते हैं। यद्यपि तत्कालीन परिवहन प्रभारी घनश्याम तिवारी को हटा दिया गया है। बावजूद इसके जांच रिपोर्ट सरकार के सामने रखने से सीईओ बच रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि दाल काली है।
राकेश के अनुसार जिला सहकारी बैंक के सीईओ सरकार को बरगला रहे है। सीईओ का कहना है कि ब्रांचों मे रिकार्ड नहीं हैं।अधिकारियों को नोटिस भेजकर गड़बड़ियों का पता लगाया जा रहा है। दस्तावेज तैयार करने के बाद आडिट रिपोर्ट और रकम की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को जल्द देंगे।
राकेश ने बताया कि पुराने संचालक मंडल के सदस्य घाटाले के मुख्य आरोपी हैं। बावजूद इसके अभिषेक तिवारी कार्रवाई से बच रहे हैं। दरअसल घोटालेबाजों को बचाया जा रहा है। राकेश ने इसके लिए सहकारिता मंत्री पर निशाना साधा है।
अभिषेक तिवारी और बजाज की नियुक्ति अवैध
राकेश ने पत्रकारों को बताया कि अपेक्स बैंक चेयरमैन और जिला सहकारी बैंक बिलासपुर सीईओ अभिषेक तिवारी की नियुक्ति अवैध है। अपेक्स बैंक चेयरमैन अशोक बजाज की नियुक्ति 6 महीने के लिए हुई थी। संचालक मंडल चुनाव के बाद उन्हें हटना था। लेकिन पिछले दो साल से कुंडली मारकर बैठे हैं।
अभिषेक तिवारी तीन साल से नियम विरूद्ध सीईओ पद पर काबिज हैं। एक साल के अन्दर चुनाव प्रक्रिया के बाद उन्हें भी हटना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इन तीन सालों में ना तो चुनाव हुआ और ना ही सरकार को जांच रिपोर्ट भेजी गयी। राकेश ने अभिषेक तिवारी को तत्काल सीईओ पद से हटाने की मागं की। जांच नए सीईओ की निगरानी में करने को कहा।
किसानों के पैसे से मंत्री का स्वागत
राकेश ने बताया कि किसानों की गाढ़ी कमाई से मंत्री को काजू और बादाम का नाश्ता कराया जाता है। रिकार्ड के अनसुार किसानों के खाते में पैसा है। लेकिन मजाल है कि किसी किसान को एक रूपया मिल जाए। दरअसल किसानों का पैसा मंत्री जी के स्वागत और सत्कार में खर्च होने के लिए हैं।
दुग्ध संघ में भी घोटाला
सहकार भारती महामंत्री ने दुग्ध संघ में भी घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि एक साल पहले 2 करोड़ के फायदे में दुग्ध संघ यकायक 20 करोड़ के नुकसान में कैसे पहुंच गया। इसके लिए रसिक परमार जिम्मेदार हैं। उन्हे सहकारिता का कोई जानकारी नहीं है। अपने अल्प ज्ञान से डेयरी उद्योग को घाटे का सौदा बना दिया है। रसिक परमार की नियुक्ति को सहकारिता नियमों के खिलाफ बताया है।
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