नईदिल्ली।दुनियाभर की कम्पनियों पर फिरौती वसूलने के लिए साइबर हमले हुए है।मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के एक निजी टर्मिनल का काम भी बाधित हुआ है। जहाजरानी मंत्रालय और जेएनपीटी व्यापार, वाहन मालिकों और लोगों की परेशानी कम करने के उपाय कर रहे हैं।फिरौती वसूलने के लिए दुनियाभर की कम्पनियों पर साइबर हमले हो रहे हैं। इसके वायरस का अभी पता नहीं चला है। यह वायरस कम्प्यूटर को फ्रीज कर देता है और डिजिटल बिटक्वाइन करेंसी में फिरौती का भुगतान करने के बाद ही कम्प्यूटर चालू होता है। यूक्रेन की फर्मों, वहां की बिजली कम्पनी और कीव के मुख्य हवाई अड्डे से सबसे पहले ऐसे हमलों की सूचना मिली है। चेरनोबिल परमाणु बिजली संयंत्र में विंडो आधारित सेंसर बंद होने के कारण रेडियो सक्रियता के स्तर की मैनुअली निगरानी रखनी पड़ी थी।
अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा है कि सरकारी एजेंसियां हमले की जांच कर रही हैं और अमरीका अपराधियों को पकड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।अमरीका के गृह सुरक्षा विभाग ने प्रभावित कम्पनियों को सलाह दी है कि वे फिरौती का भुगतान न करें क्योंकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि एक्सेस की गई फाइलों को रिस्टोर किया जा सकेगा। रूस की एंटी वायरस कम्पनी कैस्परस्की की लैब के विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग दो हजार साइबर हमले हो चुके हैं और इनमें से ज्यादातर यूक्रेन, रूस और पोलैंड में हुए हैं।