रायपुर।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) ने फसल के अवशेषों को खेतों में जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। फसल अवशेष खेतों में जलाना अब दण्डनीय अपराध होगा। फसल अवशेष जलाने पर किसानों को पर्यावरण को होने वाले नुकसान के एवज में हर्जाना देना होगा। छोटे किसान जिनके पास दो एकड़ से कम खेत हैं, उन्हें दो हजार 500 रूपए, मध्यम श्रेणी के किसान, जिनके पास दो से पांच एकड़ खेत हैं, उन्हें पांच हजार रूपए एवं बड़े किसान जिनके पास पांच एकड़ से अधिक खेत हैं, उन्हंे 15 हजार रूपए का हर्जाना बतौर फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के एवज में देना होगा।राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण प्रमुख बेंच नई दिल्ली द्वारा पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण) के संदर्भ में आदेश पारित कर फसल अवशेषों को खेतों में जलाना प्रतिबंधित किया गया है।
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प्राधिकरण की भोपाल बेंच ने राज्य शासन को इसका परिपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के आदेश के संदर्भ में राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर फसल अवशेषों के जलाए जाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।