बेरोजगार युवकों ने पेश की देश सेवा की मिसाल

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170511-WA0023बिलासपुर।
देशवासियों को पता है कि भारत की महान जनता जाबाज सैनिकों के त्याग तपस्या और शौर्य के कारण सुरक्षित IMG-20170511-WA0025है। शून्य से माइनस 32 डिग्री सेन्टीग्रेड नीचे खून को जमा देने वाले ठण्ड में मुस्तैद भारत के जवान सवा सौ करोड़ भारत माता के बेटों की सुरक्षा करते हैं। जब रात को हिन्दुस्तान सोता है…तो भारत के जवान सीमाओं पर अपलक टकटकी लगाकार देश की निगबानी करते हैं। राजस्थान के घोर मरूस्थल में धूप,आंधी और तूफान के बीच देश की सलामती के लिए अग्नि परीक्षा देते हैं। यह बातें एक बेरोजगार लेकिन दिल का हीरो रमेश साहू ने कही।

             
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                      रमेश साहू ने बताया कि लोग देश के आन बान शान पर शहीदों पर ऊंगली उठाने से बाज नहीं आते हैं। ऐसा करने वाले राजनीति के तवे पर केवल और केवल स्वार्थ की रोटी सेकते हैं। फिर भी ऐसे लोगों की संख्या बहुत ही कम है। उन्हें भी एक दिन हमारे सेना और शहीदों की अहमियत का अहसास होगा। फिर भी जवानोे की तरफ उठने वाली उंगलियां मन को दुखी कर देती हैं।

                           रमेश ने बताया कि इस समय बहतराई स्टेडियम में भावी जवानों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। भर्ती प्रक्रिया के पहले ही दिन महसूस किया कि देश के कोने कोने से सेना में भर्ती की चाहत लेकर आए युवकों को पानी के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। स्टेडियम के आस पास न तो स्टाल है और ना ही साफ सुथरा पानी । इसलिए हमारे कुछ साथियों ने मिलकर स्टेडियम के पास स्टाल लगाया । यहां सेना में किस्मत आजमाने  देश के कोने कोने से बिलासपुर पहुंचे युवकों को शाम से लेकर सुबह तक निशुल्क पानी,बिस्किट और चाय दिया जाता है।

                                   रमेश साहू ने बताया कि मैने अपने साथियों के साथ मिलकर इस प्रकार का काम कई बार किया है। लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही आनंद आ रहा है। निशुल्क स्टाल लगाने के बहाने देश सेवा का अवसर मिला है। हम लोग आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं। इसलिए भावी जवानों को केवल निशुल्क चाय, पानी और बिस्किट ही दे पा रहे हैं।

                                    रमेश ने बताया कि जब भारत का एक एक नागरिक चैन की नींद सोता है। उस समय हमारे जवान कठिन परिस्थितियों में देश की निगहबानी करते हैं। हड्डी कपा देने वाली ठंड का सामना करता है। जंगल में हिसंक जानवरों का मुकाबला करते है। रेगिस्तान की तपिश को झेलकर दुश्मनों के दांत खट्टे करते हैं। केवल इसलिए कि भारत माता के बेटों को किसी प्रकार की आंंच ना आए। देशवासी चैन की नींद सोएँ। ऐसे में हमारा यह प्रयास बहुत ही छोटा है। लेकिन यह हमारा सौभाग्य भी है।

                            रमेश ने बताया कि हम लोग मध्यमवर्गीय परिवार से है। शुल्क सेवा का काम हम पहले से करते आ रहे हैं। इसमें भाई रामबिहारी साहू,मिथलेश साहू ,अविनाश साहू ,पिंटू गोस्वामी  भानुप्रताप साहू ,यशवंत गोस्वमी ,हर्ष गोस्वामी, भरत दिवाकर ,बंटी निषाद का महत्वपूर्ण योगदान हैं। सभी लोग जेब खर्च कर पानी बिस्किट और चाय की निशुल्क व्यवस्था करते हैं। अभियान में समाज के प्रबुद्ध लोगों ने भी साथ दिया है। यह अभियान भर्ती प्रक्रिया के अंतिम दिन चलेगा।

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