बिलासपुर–अल्टरनेटिव चिकित्सा को नर्सिंग होम एक्ट में शामिल करने की मांग को लेकर अल्टरनेटिव चिकित्सकों ने फिर जंग का एलान किया है। अल्टरनेटिव चिकित्सक सर्व सेवा समिति के बैनर तले नेहरू चौक में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। चिकित्सकों ने बताया कि उनके सामने जीवन मरण का सवाल खड़ा हो गया है। इसलिए अामरण अनशन पर जाकर जान देने ज्यादा अच्छा है।
मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग ने अल्टर नेटिव चिकित्सकों की प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के निर्देश पर जिले के करीब सैकडों अल्टरनेटिव चिकित्सकों की क्लिनिक को सील कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के विरोध में अल्टरनेटिव चिकित्सकों ने महीनों तक नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन किया। बावजूद इसके उनकी आवाज को दबा दिया गयी। अब अल्टनेटिव चिकित्सकों ने आमरण अनशन का फैसला किया है। चिकित्सकों ने बताया कि जब तक अल्टरनेटिव चिकित्सा को नर्सिंग एक्ट में शामिल नहीं किया जाता है…आमरण अनशन पर रहेंगे। भले चाहे इसकी कीमत जान देकर चुकानी पड़े।
11 मई को दोपहर अल्टरनेटिव चिकित्सा सर्व सेवा समिति के पदाधिकारी डॉ.नफीस खान,डॉ.आर.के.गौरहा, डॉ.रमेश वैष्णव, एस.एस चौहान समेत दर्जनों अल्टरनेटिव चिकित्सक नेहरू चौक पहुंचे। पहले दिन आमरण अनशन बैठे डॉ,.शैलेन्द्र सिंह चौहान और डॉ. चेतन लाल जोशी का हौसला बढ़ाया।
अनशन पर बैठे चिकित्सकों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अल्टरनेटिव चिकित्सा को मान्य किया है। लेकिन राज्य शासन अल्टरनेटिव चिकित्सकों को झोलाझाप डॉक्टर मानकर क्लिनिक को सील कर दिया है। जबकि अल्टनेटिव चिकित्सक लोगों का इलाज कर समाज कल्याण के साथ रोजी रोटी चलाते हैं। शासन ने पिछले कुछ दिनों से कार्रवाई कर क्लिनिक को सील कर दिया है। हम चाहते हैं कि प्रैक्टिस के साथ अल्टरनेटिव चिकित्सा को नर्सिंग होम एक्ट में शामिल किया जाए।
मालूम हो कुछ समय पहले अल्टरनेटिव चिकित्सा को नर्सिंग होम एक्ट में शामिल करने की मांग को लेकर चिकित्सकों ने नेहरू चौक में धरना प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री डा रमन सिंह का पुतला भी जलाया था।