सिम्स बना लूट खसोट और मुर्दा बनाने का अड्डा..गोपाल

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

IMG-20170405-WA0004बिलासपुर— जिला प्रभारी मंत्री का काला शर्ट पहनकर विरोध करने जा रहे एक दर्जन से अधिक युवा कांग्रेसियों को पुलिस ने नेहरू चौक से गिरफ्तार किया। युवा कांग्रेसियों को दिनभर कोनी थाने में रखने के बाद शाम को रिहा कर दिया गया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                                                       नेहरू चौक में काला शर्ट पहनकर स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे युवा कांग्रेसियों को पुलिस ने हिरासत में  लेकर कोनी थाना भेज दिया। बाद में सभी को रिहा कर दिया गया। युवा कांग्रेस नेताओं ने बताया कि जिले समेत प्रदेश के सभी अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो चुकी है। मरीज हास्पिटल में डाक्टरों को ढूढं रहे हैं..डाक्टर निजी प्रैक्टिस में व्यस्त हैं। प्राइवेट चिकित्सालयों में गरीबों को लूटा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था को सुधारने की वजाय शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर गाड़कर बैठा है।

                 युवा कांग्रेस जिला महासचिव गोपाल दुबे ने बताया कि सिम्स और जिला हाॅस्पिटल की हालत बद से बदतर है। जनतंत्र में सभी को अपनी बातों को  सिस्टम तक पहुंचाने का अधिकार है। लेकिन तानाशाह पुलिस ने गरीबों की आवाज को दबाने का प्रयास किया है। सभी को जबरदस्ती पकड़कर कोनी थाना भेज दिया। गोपाल ने बताया कि सिम्स डाक्टरों की काली कमाई का साधन बनकर रह गया है। यहां मरीज आता तो जिन्दा है लेकिन घर मुर्दा होकर लौटता है। पोस्टमार्टम के नाम पर मरीजों के परिजनों से वसूली होती है। रिपोर्ट से छेड़छाड़ कर जांच को प्रभावित करना सिम्स प्रबंधन का पुराना पेशा है। शिकायत के बाद केवल खानापूर्ति होती है।

                                         गोपाल ने बताया कि कुछ दिन पहले सिम्स चिकित्सकों की लापरवाही से एक नवजात बच्चे की मौत हो गयी।  डीन और एम.एस का घेराव किया गया। डीन ने जांच कमेटी बनाकर तीन दिन के भीतर कार्यवाही का आश्वासन दिया। एक सप्ताह होने को है दोषियों के खिलाफ अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। दरअसल सिम्स लूटखसोट और मुर्दा बनाने का अड्डा बन चुका है। व्यवस्था में सुधार नहीं होने की सूरत में उग्र आन्दोलन किया जाएगा।

              प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव जावेद मेमन ने बताया कि सिम्स में रोज नए कारनामे हो रहे है।चिकित्सक की लापरवाही से मौत की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है। बावजूद इसके सिम्स प्रबंधन हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। एक सप्ताह पहले नवजात बच्चे की मौत चिकित्सकों की लापरवाही से हुई। विरोध प्रदर्शन के बाद डीन ने तीन दिनों के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।अभी तक दोषी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है।

                                       जावेद ने बताया कि मरीजों की आवाज को युवा कांग्रेस नेताओं ने जब स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचाना चाहा तो पुलिस प्रशासन ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार कर लिया। लोकतंंत्र में इस प्रकार की कार्रवाई निन्दनीय है।

close