अलग-थलग रामराव ..भाजपा पार्षदों ने कहा..पार्टी छोडें तो करेंगे वेलकम

BHASKAR MISHRA
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IMG20170328125507बिलासपुर—हमेशा बोलने को बेताब भाजपा नेता व्ही.रामाराव सदन में अलग-थलग नजर आए। बार बार वहिष्कार के बीच रामाराव ने चुप रहकर सदन का नजारा देखा। भारी हंगामे के बीच रेलवे नेता ने न तो कुछ बोला और न उनके समर्थक आठ पार्षदों ने ही मुंह खोला। भाजपा पार्षदों के सदन छोड़ने के बाद रामाराव अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस के साथ सदन में डटे रहे। लेकिन उन्होने इंकार किया कि हाई वोल्टेज ड्रामा में कांग्रेस के साथ हैं।  भाजपा उनकी पार्टी है…पार्टी लाइन के साथ अनुसार जो भी जिम्मेदारी है उसका निर्वहन करते हैं।

             
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                          हाईवोल्टेज ड्रामा के बीच रामाराव समेत आठ पार्षदों ने पूरे समय तक सदन में मुंह नहीं खोला। काफी मायूस नजर आ रहे रामाराव ने बताया कि जरूरत के अनुसार बोला और सुना जाएगा। इस दौरान उन्होने न तो रामा बघेल जातीय सूचक गाली पर प्रतिक्रिया दी और न ही महापौर का समर्थन या विरोध किया। इस दौरान एल्डरमैनों से जरूर बातचीत की लेकिन सदन की कार्रवाही के बीच रहकर अपने को सभी गतिविधियों से दूर रखा। उनके सात रेलवे समर्थक पार्षद सदन की कार्यवाही का चुपचाप नजारा किया।

                                             सदन की कार्यवाही पर रामराव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वार्ड की समस्या को लेकर सदन में चर्चा करने आया था। लेकिन बोलने का अवसर नहीं मिला। व्ही रामाराव ने कहा कि अब वार्ड समस्या की चर्चा सभा में नही शहर के चौक चौराहों पर करूंगा। जब बोलने का अवसर नहीं मिल रहा है तो क्या कर सकता हूं। रामाराव समर्थकों ने भी अपने नेता के सुर में सुर मिलाया।पार्षदों ने बताया कि किसी वरिष्ठ नेता का अपमान करना ठीक है।

                         बातों ही बातों में रामाराव के समर्थक पार्षदों ने बताया कि महापौर के इशारे पर सदन का वहिष्कार नहीं किया। हम लोग अपनी वार्ड की समस्या लेकर सदन में आए थे। लेकिन कुछ कहने और करने का अवसर नहीं मिला। कम से कम उन्हें अपनी बातों को सदन में रखने का अवसर महापौर को देना चाहिए था।

                               भाजपा के कुछ पार्षदों ने बताया कि महापौर के साथ सदन का वहिष्कार नहीं कर रामाराव ने कांग्रेस का समर्थन दिया है। जैसे की जानकारी मिल रही है कि रामाराव पार्टी से नाराज हैं…यदि ऐसा है तो भाजपा पार्षद पार्टी छोड़ने पर रामाराव का वेलकम करेंगे। रामाराव अतिमहत्वाकांक्षी नेता हैं…। उन्हें पार्टी लाइन से हटकर चलने की आदत है। यदि उन्होने पार्टी छोड़ा तो इससे भाजपा के युवा नेताओं को ही लाभ मिलेगा।

रामाराव भाजपा के जिम्मेदार नेता

                            रामाराव के अलग थलग होने के सवाल पर महापौर किशोर राय ने बताया कि रामाराम पार्टी के बड़े और जिम्मेदार नेता हैं। उन्हें कब क्या बोलना है उनको अच्छी तरह से मालूम है। भाजपा पार्षदों के साथ सदन से बाहर नहीं आने का अर्थ यह नहीं होता कि वे पार्टी से नाराज या कांग्रेस के साथ हैं। रामाराव का पार्टी में हमेशा सम्मान रहा है..और रहेगा। उनके अनुभवों का सदन और भाजपा पार्षदों को लाभ मिलता रहेगा।

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