वसूलीबाज सामाजिक कार्यकर्ता फरार…बसंत की शिकायत पर पुलिस ने कसा शिकंजा

BHASKAR MISHRA
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unnamedbilaspur-ACB-raid1-1426870746बिलासपुर—तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संभागीय प्रवक्ता मणिशंकर के खिलाफ सरकंडा थाने में अपराध दर्ज कर लिया गया है। कांग्रेस नेता की शिकायत और पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव के निर्देश पर मणिशंकर के खिलाफ 420 और 384 का मामला दर्ज हुआ है। डीएलएस कालेज चेयरमेन बसंत शर्मा नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। शर्मा ने मई 2016 में मामले की शिकायत एसीबी एसपी रजनेश सिंह और एडीजे मुकेश गुप्ता से की थी।

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                                   जनहित याचिका लगाने में हुनरबाज मणिशंकर के खिलाफ सरकंडा थाना में 420 और 384 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव के निर्देश पर मणिशंकर के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मणिशंकर ने कांग्रेस नेता डीएलएस महाविद्यालय चेयरमेन बसंत शर्मा से एसीबी छापा की धमकी देकर दो बार में दस लाख रूपए वसूल किये थे। जिसकी शिकायत प्रमाण के साथ कांग्रेस नेता बसंत शर्मा ने एसीबी को दिया था। लेकिन रिपोर्ट दर्ज होने में करीब साल भर लग गए। फिलहाल जनता कांग्रेस का आरोपी नेता अभी फरार है।

                             बसंत शर्मा की गिनती जिले के बड़े कांग्रेसी नेताओं में होती है। शर्मा जबड़ापारा से कांग्रेस पार्षद के अलावा नगर निगम बिलासपुर के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। शर्मा ने एसीबी कार्यालय रायपुर में करीब दस महीने पहले मणिशंकर के खिलाफ छापामार कार्रवाई की धमकी और अवैध वसूली की शिकायत की थी।  एसीबी ने मामले की जांच के लिए बिलासपुर पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव को निर्देश दिया। पुलिस कप्तान ने मामले में जांच का जिम्मा तात्कालीन सरकंडा थाना प्रभारी शुक्ला को दिया। करीब 6 महीने तक सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ न तो जांच हुई और मामला भी दर्ज नहीं किया गया।

 sarkanda thana                           जानकारी के अनुसार अप्रैल 2016 में कांग्रेस नेता और डीएलएस कॉलेज चेयरमेन बसंत शर्मा की मुलाकात सामाजिक कार्यकर्ता मणिशंकर से हुई। मणिशंकर ने बसंत को बताया कि आठ भाई शासकीय सेवा में है। भाइयों की काली कमाई से डीएलएस का संचालन किया जा रहा है। इसकी जानकारी एसीबी को है। किसी समय भी डीएलएस कालेज पर एन्टीकरप्शन व्यूरो का छापा पड़ सकता है।

                 बसंत शर्मा के अनुसार मणिशंकर ने मुलाकात के दौरान बताया कि एसीबी के कहर से बचना चाहते हैं सहयोग करने को तैयार हूं। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री से उसकी करीबी है। एसीबी के बड़े अधिकारियों से भी उसका परिचय है। यदि छापामार कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो रूपए खर्च करे। बसंत ने बताया कि सोची समझी रणनीति के तहत मैने मणिशंकर को पांच लाख रूपए दिये।

                                          शर्मा के अनुसार कुछ दिनों बाद मणिशंकर से फिर मुलाकात हुई। उसने बताया कि पांच लाख रूपए अधिकारियों तक पहुंचा दिया है। अब बाकी बचे पांच लाख रूपए भी जल्द से जल्द दें।

                  बसंत के अनुसार मामले में मुझे शक हुआ। इसलिए खुद ही एसीबी एसपी रजनेश सिंह से संपर्क किया। मामले की जानकारी एडीजे मुकेश गुप्ता को भी दी। मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह ने शेष पांच लाख रूपए देते समय वीडियो बनाने को कहा।  बंसत के अनुसार सात मई 2016 को  मणिशंकर को पांच लाख रूपए देने डीएलएस कालेज बुलाया। इस दौरान चुपके से वीडियो रिकार्डिंग भी कर लिया। रायपुर जाकर एसीबी एसपी रजनेश सिंह और एडीजे मुकेश गुप्ता को वीडियो रिकार्डिंग को दिया।

              प्रमाण मिलने के बाद एसीबी एसपी रजनेश सिंह ने बिलासपुर पुलिस कप्तान मंयक श्रीवास्तव  को शिकायत की जानकारी देते हुए जांच करने को कहा। पुलिस कप्तान ने जांच का जिम्मा स्थानीय सरकंडा थानेदार शुक्ला को दिया। शुक्ला ने मामले को सात महीने तक दबाकर रखा। इस बीच मणिशंकर पाण्डेय ने जमकर परेशान किया।

शुक्ला के हटते ही कार्रवाई

                             बसंत शर्मा ने बताया कि पुलिस कप्तान ने करीब सात महीने पहले सरकंडा थाना प्रभारी को मामले में जांच करने को कहा था। लेकिन शुक्ला ने मामले को दबा दिया। शुक्ला के हटते नए थानेदार ने मामले में जांच की। मणिशंकर के खिलाफ अपराध दर्ज किया। बसंत शर्मा ने बताया कि मणिशंकर चालाक किस्म अपराधी है। ऐसी जानकारी है कि उसने कभी जनहित याचिका के नाम पर तो कभी राजनीतिक रसूख दिखाकर लाखों रूपए वसूल किया है। मेरे मामले में भी ऐसा ही हुआ। चुूंकि मामला पुराना हो चुका है। कार्रवाई में देरी के चलते पुलिस से विश्वास उठने लगा था। इस बीच मामले में सक्रियता दिखाते हुए पुलिस ने एसपी के मणिशंकर के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। उम्मीद है कि मणिशंकर को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

unnamed (1)  सामाजिक कार्यकर्ता की धमक

                     मणिशंकर पाण्डेय खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताते है। गौरवपथ निर्माण में निगम अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। मणिशंकर की याचिका पर हाईकोर्ट ने जांच का आदेश दिया था। मणिशंकर ने बिल्हा युकां नेता राजेन्द्र तिवारी आत्मदाह की घटना और जीवन लाल मनहर मौत मामले को जमकर उछाला था । दोनों की मौत के लिए बिल्हा के तात्कालीन एसडीएम अर्जुन सिंह सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया था। मणिशंकर ने एक मामले में सिरगिट्टी थाने में राहुल गांधी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज का आवेदन दिया है। पूर्ण शराबबंदी और आदिवासियों के शोषण के खिलाफ एक्टिविस्ट ममता शर्मा के साथ जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगाया है।

                     जानकारी के अनुसार फिलहाल मणिशंकर की तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस का दावा है कि मणिशंकर को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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