कोरबा । काग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा है कि – हम विकास चाहते हैं। विकास के विरोधी नहीं हैं । लेकिन विकास गरीब का होना चाहिए..। विकास आदिवासी का होना चाहिए।भाजपा जहाँ भी है, वह अमीर – सेठ लोगों का विकास कर रही है।ऐसा विकास नही होना चाहिए , जो केवल धनवानों के लिए हो और गरीब की उसमें हिस्सेदारी न हो।
ये बातें उन्होने कोरबा जिले के मदनपुर गाँव में भू-विस्थापित किसानों के बीच बोल रहे थे। इस कार्यक्रम की शुरूआत में ही राहुल गाँधी ने किसानों से सीधी बातचीत की। यह कार्यक्रम आम तौर पर होने वाले सियासी जलसे, रैली या आमसभा की तरह नहीं था। अलबत्ता उससे अलग हटकर आपसी बातचचीत के अंदाज में ही पूरा कार्यक्रम चला। जिसमें बीच- बीच में राहुल गाँधी औऱ किसानों के बीच सवाल – जवाब का दौर भी चला।
इस मौके पर मदनपुर साउथ और मदनपुर नार्थ कोयला खदान के विस्थापित किसान शामिल हुए थे। उन्होने राहहुल गाँधी के सामने अपनी बात रखते हुए दो टुक कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन कोल ब्लॉक के लिए नहीं देंगे। उनका कहना था कि आस-पास के इलाकों को देखकर उनका अनुभव कहता है कि इस तरह के प्रोजेक्ट के लिए जमीन देने के बाद गरीब किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है। जबकि मदनपुर प्रोजेक्ट में तो केंदईं के आगे जंगल के करीब दस लाख पेड़ भी कट जाएंगे।लोगों ने कहा कि जंगल से मिलने वाले चार, चिरौंजी, तेंदू, महुआ आदि से उनकी जिंदगी बसर होती है। यह सब छिन जाएगा तो फिर उनका कोई सहारा भी नहीं होगा। राहुल गाँधी से बातचीत के दौरान मौजूद परसा केथे के लोगों ने बताया कि न्होने भी अपनी जमीने कोल- ब्लॉक के लिए दी है। उन्हे कम्पनी की ओर से नौकरी और रोजगार का लालच दिया गया था।जो अब तक नहीं मिला।
विस्थापित लोगों की बाते सुनने के बाद राहुल गाँधी ने कहा कि जँगल उजाड़कर , पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर विकास नहीं होना चाहिए। विकास ऐसा हो कि उसका लाभ गरीब- आदिवासी को मिले। यह नहीं कि सिर्फ साहूकार का ही विकास हो।
इस मौके पर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, मोहसिना किदवई, अजीत जोगी, डा. चरणदास महंत, भूपेश बघेल, ची.एस. सिंहदेव सहित कई विधायक सांसद भी मौजूद थे।