रायपुर। प्रदेश सरकार के हजारों कर्मचारियों -अधिकारियों ने बुधवार को सातवें वेतनमान सहित कई अन्य मांगों को लेकर राजधानी में जोरदार प्रदर्शन किया।प्रदेश भर के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर विधानसभा कूच करने निकले थे। लेकिन उन्हें रास्ते मेँ ही रोक लिया गया। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ग्यापन सौंपा।प्रदेश भर के कर्मचारी सातवें वेतनमान की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि मध्यप्रदेश सहित पडोस के राज्यो में यह मांग मान ली गई है। जबकि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह सकारात्मक रुख जाहिर कर चुके हैं। उम्मीद की जा रही थी कि प्रदेश सरकार के बजट में इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
लेकिन घोषणा नहीं होने की वजह से कर्मचारियों को प्रदर्शन करना पड रहा है। प्रदेश सरकार के कर्मचारी, प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों के अनुरूप चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान की भी मांग कर रहे हैं।इसी तरह सन् 2004 के बाद नियुक्त किए गए सभी कर्मचारियों को पेंशन की पात्रता और समान काम-समान वेतन की भी मांग की जा रही है। केन्द्रीय कर्मचारियों के समान जनवरी 2017 से साथ प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने की भी मांग शामिल हैं।
इन मुद्दों को लेकर कर्मचारियों ने बुधवार को पहले बूढ़ा तलब मे प्रदर्शन किया।और वहाँ सभ अचलती रही।फिर बाद मे कर्मचारी अपनी घोषणा के अनुरूप रैली की शक्ल मे विधानसभा कूच के लिए निकले।हजारों की तादाद मे निकले कर्मचारियों को रोकने के लिए प्रशासन ने सप्रे स्कूल के पास ही बेरिगेट्स लगा रखे थे।जहां कर्मचारियों को रोक दिया गया।इस स्थल पर ही कर्मचारियों की ओर से एसडीएम को सीएम के नाम ज्ञापन सौपा गया।जिसमे सभी मांगों की विस्तार से चर्चा की गई है।
इस मौके पर फेडरेशन संयोजक सुभाष मिश्रा,त्रित्या वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष पी.आर.यादव,कौशलेंद्र पांडेसहित सुरेन्द्र टूटेजा,प्रार्थना,जीएस यादव,नरसिंघ चंद्राकार,टी जॉर्ज,राजू सोनी,बीड़ी गोस्वामी,मुकेश साहू,कुबेर सिंह,राजीव शर्मा सहित कई विभागों के कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी शामिल थे।
मांगे पूरी न होने पर आंदोलन की अगली रूपरेखा तय करने नवरात्रि त्योहार के बाद बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया।