बिलासपुर।मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा विधानसभा मे प्रस्तुत 2017-18 के बजट मे सातवा वेतनमान देने की घोषणा नहीं होने से प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारी-अधिकारियों मे रोष है और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लग रहा है।बता दें कि 25 दिसंबर2016 को फेडरेशन के प्रतिनिधि मण्डल को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि सातवा वेतनमान जल्द ही कर्मचारियों को दिया जाएगा।इसलिए कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इस बजट सत्र मे मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों की तरह सांतवा वेतनमान देने की घोषणा विधानसभा मे करेंगे।कर्मचारियों मे व्याप्त आक्रोश को अभिव्यक्ति देने के लिए छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने निर्णय लिया है कि 22 मार्च बुधवार को वादा निभाओ रैली निकालकर विधानसभा मार्च करते हुए सीएम को ज्ञापन सौपेंगे।
छत्ती सगढ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पी आर यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फेडरेशन की मांग है कि सातवे वेतन आयोग की सिफ़ारिशे लागू करने से पहले पहले 4 स्तरीय समान वेतनमान और वेतन विसंगति दूर कर 2013 विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र को लागू कर वादा निभाए।ये वादा निभाओ रैली बूढ़ा तलब धारणा स्थल से शुरू होकर विस कि तरफ मार्च करेगी।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट के तत्काल बाद शाम 5 बजे ही छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के बैनर तले राजधानी के कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट के सामने शासन के वादाखिलाफी पर आक्रोश जताते हुए जबर्दस्त प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष पी.आर.यादव ने सीएम द्वारा प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस बजट को मेहनतकश वर्गो का विरोधी बताते हुए कहा कि बजट से कर्मचारी जवान,मजदूर,किसान मे जबर्दस्त आक्रोश है।कर्मचारी अधिकारी जहां 7वे वेतन आयोग कि घोषणा का बेसबरी से इंतज़ार कर रहे थे और इस इंतज़ार मे हमारे साथ सुरक्षा बल के 50 हज़ार जवान भी शामिल थे।किसान धान पर बोनस कि घोषणा कि आस लगाए बैठे थे और मजदूर वर्ग न्यूनतम मजदूरी वृद्धि सहित जनकल्याण करी योजनाओ की घोषणा की प्रत्याशा मे थे।इन सभी वर्गों को सीएम ने निराश किया।विधानसभा 2013 के घोषणा मे पत्र मे उल्लेखित कर्मचारी हित के वादों को 3 साल बाद भी सरकार ने नहीं निभाया है।सरकार की मंशा जगजाहिर है कि कर्मचारियों को भी सातवा वेतनमान चुनावी साल 2018 मे देकर राजनीतिक लाभ उठाते हुए कर्मचारी वोटों कि फसल काटी जाए।लेकिन प्रदेश के कर्मचारी जागरूक और समझदार है।सरकार के इस झांसे मे नहीं आएंगे।और अपने हक की लड़ाई लड़कर 7वा वेतनमान इसी वित्त वर्ष मे प्राप्त करेंगे।