फिर छला गया किसान..युवाओं की टूटी आस…जसबीर

BHASKAR MISHRA

IMG-20170306-WA0002बिलासपुर– बिलासुपर कांग्रेस नेताओं के साथ जोगी कांग्रेस के नेताओं ने भी रमन के बजट को धन और जन विरोधी बताया है। दोनों दलों के नेताओं के अनुसार बजट में एक बार फिर बिलासपुर को उपेक्षित रखा गया है। अब बिलासपुर का मालिक भगवान ही है। जो कुछ मिला उसे पर्याप्त भी कहना मुमकिन नहीं है।

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अब भगवान ही मालिक

                       कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जसबीर गुम्बर ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्यायधानी की सुरक्षा और विकास अब भगवान भरोसे है। जबकि न्यायधानी के लिए बजट में अलग से पैकेज की व्यवस्था होनी चाहिए थी। इसकी जिम्मेदारी स्थानीय मंत्री की है। गुम्बर ने कहा कि 13 सालों से सत्ता में रहने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार यहां की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने में नाकामयाब साबित हुई है। न्याधानी के सभी चौक-चौराहों पर बाजारों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से कैमरा लगाने एवं अतिरिक्त पुलिस बल की नियुक्ति करने बजट में कोई प्रावधान नहीं है।

                 गुम्बर ने बताया कि  मुफ्त स्मार्ट फोन वितरण का शिगूफा छोड़कर मुख्यमंत्री ने जनता का ध्यान बजट की कमियों से हटाने का प्रयास किया है। बजट एवं शहर की साफ सफाई,के लिए फंड देना था। निगम क्षेत्रो में संचालित राशन दुकानों के लिए भोवन बनाने, निगम में नई भर्ती करने, तालाबो की सफाई करने के लिए भी कोई प्रावधान बजट में नहीं है। हां…शराब को बजट मे कुछ ज्यादा ही फोकस किया गया है।

                           भाजपा के घोषणा पत्र में किसानों को दिया जाने वाला बोनस बजट से भी बाहर हो गया। कोल्ड स्टोरेज के बारे में कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि भाजपा सरकार किसानों की कितनी हितैषी है।

निजी हाथों में स्कूल–मणिशंकरmanishankar

                                     जनता कांग्रेस संभागीय प्रवक्ता मणिशंकर ने बताया कि डाक्टर साहब का बजट मृगमरीचिका से ज्यादा कुछ नहीं है। बजट पोस्ट डेटेड चेक की तरह है। मणिशंकर ने बताया कि बजट में शिक्षा को नीजिहाथों में देने की बात कही गयी है। यह संविधानिक भावना के पूरी तरह खिलाफ है। तीन हजार स्कूलों को बंद करने का सीधा मतलब बजट जनविऱोदी है। मुख्यमंत्री ने गरीब बच्चों के मा़डल स्कूल को नीजि हाथों में सौंप दिया है। बजट से साफ जाहिर होता है कि सरकार का अब शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार से कोई लेना देना नहीं है..उसे केवल शराब बेचना है। सरकार 35000 करोड़ के कर्ज में है। दरअसल साल 2018 में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर डाक्टर साहब बजट तैयार किया है। बजट में अतिरिक्त पुलिस बल की नियुक्ति करने कोई प्रावधान नहीं है।

 

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