जोगी बोले कॉंग्रेस की बस्तर पदयात्रा “पाखंड यात्रा”

Shri Mi
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jogi-7कल्लूरी हैं सांबा,”बस्तर के गब्बर” तो रमन सिंह
रायपुर/जगदलपुर।छः दिन के बस्तर दौरे पर गए मरवाही विधायक अमित जोगी ने शुक्रवार को जगदलपुर में एक प्रेसवार्ता लेकर बस्तर की बर्बादी के लिए दोनों राष्ट्रीय दलों को जिम्मेदार ठहराया। कल्लूरी मुद्दे पर मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए अमित जोगी ने कहा कि केवल एक अधिकारी को हटाकर,मुख्यमंत्री अपने गुनाहों को नहीं धो सकते। जहाँ नक्सलवाद ने मासूम बस्तरवासियों को हथियार से मारा वहीँ मुख्यमंत्री के सरकारी आतंकवाद ने उन्हें अत्याचार से मारा। बस्तर की हरी धरती को लाल खून और काले भ्रष्टाचार से रंग दिया गया है।जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री बस्तर में फैले सरकारी आतंकवाद के वो सरगना हैं जिनके कपडे तो साफ़ हैं लेकिन हाथ खून से रंगे हैं।एक अधिकारी को छुट्टी पर भेजकर या पीएचक्यू में अटैच करने से बस्तर को न्याय नहीं मिलेगा।

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                                       अमित ने कहा कि बस्तर के हालात के असली दोषी तो मुख्यमंत्री स्वयं हैं। जो सरकार, एनएचआरसी की रिपोर्ट के अनुसार मासूम नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषियों पर कार्यवाही न करे। जो सरकार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर सीबीआई की जांच टीम को सुरक्षा न प्रदान कर पाए, जो सरकार निर्दोष ग्रामीणों का फर्जी एनकाउंटर करने वालों पर कार्यवाही न करे, जो सरकार बस्तरवासियों के घर जलाने वालों पर कार्यवाही न करे, ऐसी सरकार का मुखिया, बस्तर के लिए मुख्यमंत्री नहीं बल्कि गब्बर है, गब्बर।

                                    बस्तर को कल्लूरीमय बनाने में जोगी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की संदिग्ध भूमिका पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ये दावे के साथ कहती है कि छत्तीसगढ़ की जनता की आँखों में धुल झोंककर, अपना गला बचाने मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की मदद से एक राजनितिक साजिश के तहत बस्तर के बिगड़े हालात को केवल एक अधिकारी पर केंद्रित किया और अब उस पर दिखावे की कार्यवाही कर जनता के बीच यह सन्देश देने का प्रयास किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने बड़ा तीर मार दिया। जबकि सच्चाई यह है कि कल्लूरी केवल सांबा हैं, असली सरदार यानि गब्बर तो रमन हैं ।

                                वहीँ प्रदेश कांग्रेस की जनवेदना पदयात्रा के विषय में जोगी ने कहा कि नगरनार पर कांग्रेस की पदयात्रा केवल एक ढोंग है। बड़ा खुलासा करते हुए जोगी ने कहा कि नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण की नींव स्वयं कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने रखी थी। जो आज पदयात्रा निकाल रहे हैं वो 2013 में बस्तरवासियों के विशवास का सौदा करने चले थे।

                            कांग्रेस यूपीए सरकार ने नगरनार इस्पात संयंत्र की 49% हिस्सेदारी निजी हाथों में बेचने और उसके निजीकरण का सौदा ग्लोबल टेंडर बुलाकर 8 हज़ार करोड़ में तय किया था। टेंडर की आखरी तारीख 12 अप्रैल 2013 थी। वो तो बस्तरवासियों पर माँ दंतेश्वरी की कृपा थी कि टेंडर प्रक्रिया में विलंब हुआ और केंद्र की सत्ता छुट गयी, नहीं तो अब तक तो कांग्रेस ने नगरनार का निजीकरण कर दिया होता। कल खुद नगरनार को बेचने वाले,बस्तरवासियों का सौदा करने वाले, आज उसके निजीकरण के विरोध में पदयात्रा करें तो सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली वाली कहावत चरितार्थ होती है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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