सीसीएफ के खिलाफ लगा मुर्दाबाद का नारा

BHASKAR MISHRA
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IMG20170204153632 बिलासपुर—छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने सीसीएफ कार्यालय और निवास के बाहर नारेबाजी की। वन कर्मचारियों ने सीसीएफ पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। कर्मचारियों के अनुसार सीसीएफ ने नियम कानून को ताक पर रख परेशान करने स्थानांतरण को हथियार बनाया है। कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रता़ड़ित करने विभागीय जांच को जानबूझकर खींचा जाता है।

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               कर्मचारियों ने सीसीएफ के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। वनमण्डलाधिकारी के नाम 8 सत्रीय मांग पत्र भी दिया। इस दौरान कर्मचारियों के अलावा संगठन के प्रांताध्यक्ष सतीश कुमार मिश्रा,संभागाध्यक्ष जीवन लाल भारती और संभागीय सचिव जितेन्द्र साहू विशेष रूप से मौजूद थे।

                     छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के बैनर तले वनकर्मियों ने सीसीएफ कार्यालय और आवास के बाहर मुर्दाबाद के नारे लगाए। सीसीएफ पर कर्मचारियों को बेवजह परेशान करने का भी आरोप लगाया। कर्मचारी नेता सतीश मिश्रा और जितेन्द्र साहू ने कहा कि सीसीएफ ने अप्रैल 2016 में सानिध्य भवन पर बलात कब्जा कर ज्योमिट्री सेन्टर खोल दिया। सेंटर को जल्द से जल्द हटाने की हमाने की हमारी मांग है।

                                कर्मचारी नेताओं के अनुसार सीसीएफ बी.आनन्द बाबू के आने के बाद एक बार भी परामर्श दात्री समिति की बैठक नहीं हुई है । बैठक तत्काल बुलाया जाए। अन्यथा कर्मचारी संगठन उग्र आंदोलन करेगा। सीसीएफ पर मनमानी का आरोप लगाते हुए वनIMG20170204152741कर्मियों ने कहा कि मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वनपालों का अंतर वन मंडल स्थानांतरण किया जा रहा है। जबकि ऐसा करना स्थानांतरण नीतियों के खिलाफ है।

                         जितेन्द्र कहा कि सीसीएफ के इशारे पर विभागीय जांच में जानबूझकर देरी की जाती है। ऐसा कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के लिए किया जाता है। वनपाल नारदगिरी गोसाई और अहमद खान के विभागीय जांच को लटका कर रखा गया है।

                  जितेन्द्र के अनुसार जैसे की जानकारी मिल रही है कि वायरलेस का संचालन फिर से किया जा रहा है। हमारी मांग है कि संचालन का कार्य वायरलेस आपरेटरों को ही दिया जाए।

                 संभागीय नेताओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ शासन से मान्यता प्राप्त संगठन है। जानते हुए भी बी.आनन्द बाबू संगठन और कर्मचारी नेताओं से दूरी बनाकर रखते हैं। दोयम स्तर का व्यवहार करते हैं। नेताओं ने सीसीएफ बी.आनंद बाबू पर काज में भारी गड़बड़ी का भी आरोप लगाया। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को चार महीने से वेतन दिया गया है। कर्मचारियों का परिवार भूखे मरने की स्थिति में है। सब कुछ जानते हुए भी बी.आनन्द बाबू अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। प्रांताध्यक्ष सतीश मिश्रा, संभागाअध्यक्ष जीवनलाल भारती और संभागीय सचिव जितेन्द्र साहू ने कहा कि यदि मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तयार करेगा।

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