जूनियर डॉक्टरों ने किया नेक्स्ट फरमान का विरोध

BHASKAR MISHRA
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doctar_medical_fileबिलासपुर—जूनियर ड़ॉक्टरों ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर नेक्ट परीक्षा उत्तीर्ण प्रस्ताव का विरोध किया है। डाक्टर और जूनियर डॉक्टरों ने रैली निकालकर प्रस्ताव के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। कलेक्टर पहुंचकर सरकार के नाम पत्र भी दिया।

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                       डॉक्टर और  एमबीबीएस छात्र छात्राओं ने आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले प्रस्तावित नेक्ट नेशनल एक्जिट टेस्ट एक्जाम का विरोध किया है। नेक्ट के खिलाफ रैली निकालकर जमकर नारेबाजी की। सभी ने प्रस्तावित परीक्षा की आलोचना की। सिटी मजिस्ट्रेट बीरेन्द्र लकड़ा को सरकार के नाम पत्र देते हुए कहा कि एमबीबीएस के बाद जूनियर डॉक्टर एमसीआई से पंजीकृत होने पर अभ्यास शुरू करते हैं। लेकिन शासन ने एमबीबीएस उत्तीर्ण विद्यार्थियों  को पंजीयन के लिए नेक्ट परीक्षा देने का आदेश जारी किया है।जिसका हम विरोध करते हैं।

           छात्र छात्राओं ने बताया कि एमबीबीएस परीक्षा कठिन होती है। डेढ दर्जन से अधिक विषय पढ़ना होता है। डिग्री के बाद पंजीयन के लिए परीक्षा लेना नासमझी है। डॉ नीरज शर्मा ने बताया कि एमबीबीएस के बाद पीजी की परीक्षा आसान नहीं होती है। बावजूद इसके मे़डिकल छात्र छात्रोँ को बेवजह परेशान करने के लिए नेक्स्ट परीक्षा आयोजन का फरमान जारी किया जा रहा है।

                           मेडिकल छात्रों ने बताया कि लगातार कड़ी मेहनत कर हमें डिग्री हासिल होती है। यदि कोई छात्र नेक्स्ट परीक्षा में शामिल नहीं होता है तो वह  मेडिकल स्नातक नही कहलाएगा। यह कैसा फरमान….कि मेडिकल स्नातक होने के बाद भी छात्र 12 वीं उत्तीर्ण कहलाएगा। छात्रों ने बताया कि यूक्रेन, रूस चाइना जैसे देशों से मेडिकल की पढ़ाई कर आने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा से दूर रखा गया है। यह जानते हुए भी कि भारत की मेडिकल कोर्स विदेशी देशों से एडवांस है। फिर भी उन्हें छूट दिया जा रहा है। जो समझ से परे है। छात्रों ने बताया कि 19 विषयों की परीक्षा देने के बाद फिर से परीक्षा देना हतोत्साहित करने वाला फरमान है।

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