बैंक और एटीएम में छोटे नोटों का सूखा

BHASKAR MISHRA
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sbi3_660_051515114746_052015070521बिलासपुर—करीब तीन महीने पूरे होने को है…नोट की किल्लत अभी भी जस की तस है। शहर के ज्यादातर एटीएम से छोटे नोट नहीं निकल रहे हैं। जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  छोटे नोट नहीं मिलने से आम आदमी व्यापारियों और दलालों का शिकार हो रहा है।

                          अस्सी दिन बाद भी नोट की किल्लत कम नहीं हुई है। नोटबंदी के समय पीएम ने दावा किया था कि पचास दिन बाद हालात सामान्य हो जाएंगे। लेकिन अस्सी दिन बाद भी जनता की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। कैश काउन्टर ही नहीं बल्कि एटीएम में भी छोटे नोट मयस्सर नहीं हैं। नतीजन आम आदमी को दलालों और व्यापारियों के मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है। कई लोगों को तो अब तक पांच सौ के नए नोट का दर्शन ही नहीं हुआ है।

                     शहर के कमोबेश सभी बैंकों में छोटे नोंट का टोंटा है। कुछ दिनों तक कुछ बैंकों और एटीएम ने दो हजार के साथ सौ के नोट दिये। लेकिन अब उन बैंकों ने भी सौ का नोट देना बंद कर दिया है। पांच के नोट एटीएम में है ही नहीं।  ट्रांजेक्शन सिर्फ दो हजार के नोट का ही हो रहा है।

                        एसबीआई कलेक्ट्रेट शाखा प्रबंधक के अनुसार केन्द्रीय बैंक से हमें सौ और पचास के नोट सीमित मात्रा में मिल थे। जितना हो सकता था हमने उसे बांट दिया। जब हमारे पास छोटे नोट पर्याप्त मात्रा में आएंगे तो एटीएम में डाल देंगे। फिलहाल एटीएम में सिर्फ दो हजार के नोट ही डाले जा रहे हैं।

                            एटीएम रूपए निकालने के बाद एक व्यक्ति ने बताया कि दो हजार का नोट सिर दर्द साबित हो रहा है। व्यापारी लोग जबरदस्ती ज्यादा सामान लेने को बाध्य करते हैं। चिल्हर के बदले सौ रूपए का बट्टा काटते हैं।

 

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