♦अरपा को मूल स्वरूप में लाने और संुदर बनाने बनेगी योजना
♦यंग इंजीनियर्स ने टैलेंट हंट फाॅर यंग इंजीनियर्स प्रोग्राम में छात्रों ने दिखाई प्रतिभा
बिलासपुर(करगीरोड)।डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट विलेज का प्रोजेक्ट माॅडल बनाया है, साथ ही बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी को उसके मूल रूप और सुंदर रूप वापस लाने के लिए भी प्रोजेक्ट माॅडल तैयार किया है। विश्वविद्यालय के यंग इंजीनियर्स ने टैलेंट हंट फाॅर यंग इंजीनियर्स प्रोग्राम में अपना टैलेंट दिखाया है। एक दिवसीय माॅडल प्रतियोगिता में भावी इंजीनियरों ने होम आटोमेशन,इलेक्ट्रिकल्स सिस्टम के पैनल डिजाईनिंग सहित 80 से अधिक माॅडल बनाकर अपनी प्रतिभा दिखाई। इंजीनियरिंग के सभी ब्रांच के विद्यार्थी सब कुछ कर गुजरने के उत्साह से लबरेज नजर आए।
हर साल की तरह इस साल भी डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में सभी ब्रांच के इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के बीच माॅडल प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें सिविल, ईईई, ईई, आईटी, कम्प्यूटर साइंस, मैकेनिकल सहित सभी ब्रांच के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक माॅडल बनाए और नई तकनीक और पर्यावरण को साथ लेकर चलते हुए विकास का संदेश दिया। ईईई विभाग से कंट्रोल पैनल आॅफ 3 फेस इंडक्शन मोटर का माॅडल गोकुल पैकरा, अश्वनी प्रधान, गजेंद्र यादव और दिलीप केंवट ने बनाया है। इस माॅडल के माध्यम से विद्यार्थियों मोटर को कंट्रोल करने का हुनर बताया। इसी तरह कंट्रोल पैनल आफ डीसी मोटर के माॅडल को छाया साहू, मनोरमा साहू, देवेंद्र राठौर ने तैयार किया है। जिसमें डीसी मोटर की स्पीड को नियंत्रित करने का बेहतर तरीका बताया गया है। इसी तरह कंट्रोल पैनल आॅॅॅफ थ्री फेस इंडक्शन मोटर यूजिंग पावर इलेक्ट्रनिक्स डिवाइस को बिंदेश्वरी गेंदले, सुगंधा बनाफर,गीतांजली कौशिक और करिश्मा पूनम हंसरा ने बनाया, इस माॅडल को सभी ने सराहा। सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने लो कास्ट बिल्डिंग का माॅडल तैयार किया है। जो आज के समय में बेहद उपयोगी है, यह गरीब लोगों के अशियाने के सपने को पूरा करने में सहायक हेागा। यह माॅडल धनवान सिंह और आकाश कहरा ने बनाया।
इसी तरह वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से वर्षा के पानी को संरक्षित करने के लिए दिव्या सोनी, ज्योति धीरेंद्र और नितिश शर्मा ने माॅडल तैयार किया है। जो आज के समय की जरूरत है। अरपा रिव्हर रेजूवेनेशन का माॅडल साकेत बघेल, विवेक राॅय,कृष्णा कौशिश, शहजाद मो,प्रियंका कश्यप शिवेश पाण्डेय और रोहन रोबिंसन ने बनाया। जो बिलासपुर की अरपा नहीं पर केंद्रीत है। बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी को उसके मूल रूप और सुंदर रूप वापस लाने के लिए बेहतर उपाए बताए गए हैं। ईई के विद्यार्थियों भूपेंद्र कुर्रे, दिग्विजय सिंह,दुर्गा धीवार एम. शशांक कुमार और रामानंद देवांगन ने होम आटोमेशन सिस्टम माॅडल तैयार किया है। इसी तरह थ्री फेस सिक्वेंस चेकर बाई एलईडी इंडीकेशन का माॅडल चंदन गढ़ेवाल, दिप्ती गोपाल, गजेंद्र कश्यप,प्रशांत चंद्रकात और राजेश कुमार ने तैयार किया है। वेरियबल कैपैसिटर स्पीड रिर्वसल आफ सिंगल फेस इंडक्शन मोटर का माॅडल अंबिका पैकरा, अनुराग करकट्टा, अतुल कुमार राय, प्रवीण कश्यप और सुजाता यादव ने तैयार किया है। प्रतियोगिता इंजीनियरिंग के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष,प्राध्यापक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए। कुलपति प्रो. आर.पी.दुबे ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए इन माॅडल का निरीक्षण किया।
प्रोत्साहन से ही मिलती है दिशा-कुलपति
इस मौके पर सीवीआरयू के कुलपति प्रो.आर.पी.दुबे ने कहा कि प्रोत्साहन से ही विद्यार्थियों को काम करने के लिए नई दिशा मिलती हैं। इस दिशा में चलने के बाद लक्ष्य प्राप्त होता है। ऐसे आयोजन सीवीआरयू में हर साल होते है, जिससे नए इनोवेशन सामने आते है और उस पर काम भी किया जाता है। विद्यार्थियों ने वर्तमान और भविष्य की समस्या और उनके निदान पर बेहतर से बेहतर माॅडल बनाए हैं। प्रो. दुबे ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी।
लोकहित व सुविधा के माॅडल ही आदर्श माॅडल-कुलसचिव
इस संबंध में जानकारी देेते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि सबसे बेहतर माॅडल वहीं होता है, जो माॅडल आम जनता की परेशानी को हल करने वाला और जनहित सुविधा वाला हो। हर्ष की बात है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी पर पुनः मूल रूप में लाने के लिए माॅडल बनाया है, विद्यार्थियों ने इससे संबंधित सभी क्षेत्रों में बेहतर काम भी किया है। श्री पाण्डेय ने बताया कि स्मार्ट विलेज बड़ी कल्पना है। जिसके लिए विद्यार्थियों ने ग्रामीण जीवन शैली को और अधिक सुविधायुक्त बनाते हुए शहर की तर्ज पर तैयार करना सुनिश्चित किया। इस माॅडल में ग्रामीण वातावरण को प्रभावित नहीं किया गया है, जिससे गांव का वातावरण पहले जैसा ही रहेगा। इस माॅडल को राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग भेजा जाएगा। जिससे विद्यार्थियों की बेहतर सोच पर और बेहतर काम किया जा सके।