♦जापान और कोरिया के विशेषज्ञ आएंगे भारत
नईदिल्ली।गुरुवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेल की सुरक्षा कार्यों की समीक्षा कई बैठकों में की और पिछले दिनो हुई रेल दुर्घटनाओं पर चिंता जताई है।नवंबर महीने में गाड़ी नं 19321 के दुर्घटना के बाद रेल मंत्री के निर्देश मे यह निर्णय लिया गया कि भारतीय रेल के कोच पूरी तरह एलएचबी कोच में बदल जाएंगे।एलएचबी कोचों में एंटी क्लाइमबिन्ग तथा एंटी टेलीस्कोपिन्ग जैसी बेहतर सुविधाएं हैं।साथ ही अगले 3-4 सालो में 45,000 आईसीएफ डिजाइन के कोचों की रेट्रो फिटिंग के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। रेल मंत्री ने उत्पादन योजना की समीक्षा की और इसे तेजी से लागू करने के निर्देश दिए।
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गुरुवार की बैठक में रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने जापान और कोरिया के विशेषज्ञों से भारत आने और उचित प्रौद्योगिकी समाधान सुझाने का अनुरोध किया।जापान के रेल प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (आरटीआरआई) तथा आरडीएसओ के बीच सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में रेल मंत्री की पहल से कोरिया के रेल अनुसंधान संस्थान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।
रेल मंत्री ने सुरक्षा के विषय पर पूरे दिन रेल विशेषज्ञों से विस्तार मे बातचीत की। कुछ जरूरी सुझाव मिलने पर उसे तत्काल लागू करने का आदेश दिया।रेल मंत्री ने जाने-माने परमाणु वैज्ञानिक और सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. अनिल काकोडकर से भी बातचीत की।
एलएचबी कोच की खासियत
बता दे कि ट्रेनों में लगने वाले एलएचबी कोच पूरी तरह से शॉक प्रूफ होते हैं, इनमें झटके महसूस नहीं होते। इसके साथ ही हर बोगी में बायो टॉयलेट तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे रेलवे ट्रैक पर गंदगी नहीं फैलती।