प्रदेश को नहीं चाहिए आदिवासी मुख्यमंत्री…नेताम

BHASKAR MISHRA
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IMG-20161219-WA0012बिलासपुर—भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राम विचार का पहली बार शहर आगमन पर भाजपा नेताओं ने जगह-जगह फूल माला के साथ आतिशी स्वागत किया। छत्तीसगढ़ पहुंचने के बाद रामविचार नेताम ने पत्रवार्ता के दौरान सरकार के कामकाज की जमकर तारीफ की। कल्लूरी को अच्छा पुलिस अधिकारी बताया। आदिवासी मुख्यमंत्री के सवाल पर नाराज नेताम ने कहा कि जो छापना हो छाप दो…लेकिन प्रदेश को आदिवासी मुख्यमंत्री की जरूरत नहीं होने की बात कही।

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                        पत्रकारों के सवालो का जवाब देते हुए प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि ड़ॉ.रमन सिंंह जब अच्छा काम कर रहे हैं तो आदिवासी मुख्यमंत्री की जरूरत ही क्या है। पत्रकारों के लगातार प्रश्न दुहराने पर अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आपको जो छापना हो छापो..कोई फर्क नहीं पड़ता है..लेकिन प्रदेश को आदिवासी मुख्यमंत्री की जरूरत नहीं है। रमन सिंह ना केवल आदिवासी बल्कि सभी समाज वर्ग के लिए बेहतर काम कर रहे हैं। इसलिए प्रदेश को आदिवासी मुख्यमंत्री की जरूरत नहीं है। आप आदिवासी मुख्यमंत्री की दौड़ में है के सवाल पर रामविचार नेताम ने उत्तर नहीं दिया।

                                           नोटबंदी के सवाल पर रामविचार नेताम ने बताया कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार और नक्सलवाद को कमर टूट गयी है। कालेधन रखने वाले परेशान हैं। प्रधानमंत्री के नोटबंदी अभियान से देश की जनता खुश है। नोटबंदी अभियान और आम जनता को हो रही परेशानी पर नेताम ने कहा कि नोटबंदी से कौन परेशान है। आप लोग भाजपा में आ जाएं आपकी परेशानियां कम हो जाएंगी। नेताम ने बताया कि नोटबंदी आजादी की दूसरी लड़ाई है। नोटबंदी का फैसला पूरी तैयारियों के साथ लिया गया है।

                       खेलमंत्री भैयालाल रजवाड़े के टना टन टूरी के बयान पर रामविचार नेताम ने कहा कि यदि खेलमंत्री ने ऐसा बोल ही दिया तो क्या अपराध कर दिया। लेकिन किसी को भी मां बहन पर गलत कमेन्ट नहीं करना चाहिए। मैं नहीं मानता रजवाड़े जी ने इस प्रकार का बयान दिया होगा।

                                          बस्तर संभाग में नक्सलियों के बहाने आदिवासियों को निशाना बनाया जा रहा है…गेहूं के साथ घुन भी पिस जाता है। कभी कभी दोषियों के साथ निर्दोष भी मारे जाते हैं। भूपेश बघेल का बयान कि नक्सल मुवमेंट पर कल्लूरी की भूमिका संदिग्ध है पर रामविचार नेताम ने कहा कि कल्लूरी हम सभी से कहीं ज्यादा होशियार और संवेदनसील अधिकारी हैं। आरोप लगाने पहले आइना में अपना चेहरा देखें…। भूपेश बघेल को इतना गिरे स्तर का आरोप नहीं लगाना चाहिए। कल्लूरी देश का काम कर रहे है। शासन का काम कर रहे हैं। रामविचार नेताम ने कल्लूरी की संदेहास्पद भूमिका और भूपेश के आरोपों को एक सिरे से नकार दिया।

                       रामविचार नेताम ने बताया कि जब कांग्रेस सरकार में थी..तो हम लोग कल्लूरी की भूमिका को लेकर सरकार पर आरोप लगा रहे थे..तब कांग्रेसियों ने कल्लूरी को अच्छा बताया था। आज जब हम सरकार में हैं और कांग्रेस कल्लूरी को आदिवासी विरोधी बता रहे हैं…जो उचित नहीं है।  कल्लूरी नक्सलियों के खिलाफ ईमानदारी और मेहनत से काम कर रहे हैं।

                          प्रेस वार्ता के दौरान बार बार आदिवासी मुख्यमंत्री के सवाल और आदिवासी नेतृत्व को कमजोर बताए जाने पर राष्टीय अध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर की। नाराज रामविचार नेताम ने कहा कि मैं जो बोला हूँ आप उसी को लिखिए… नहीं लिखना है तो मत लिखिए.. लेकिन घुमाफिराकर प्रश्न ना करें..

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