रायपुर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को छत्तीसगढ़ में लगातार उत्साहजनक और भारी सफलता मिल रही है। मिशन के शुरू होने के लगभग दो वर्ष के अंदर ही छत्तीसगढ़ में दो जिले मुंगेली और धमतरी सहित 33 विकासखण्ड, 4869 ग्राम पंचायतें एवं 8582 गांव खुले में शौचमुक्त घोषित हो चुके हैं। यह जानकारी बुधवार को मंत्रालय में मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में हुई राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की शीर्ष समिति की बैठक में दी गई। अधिकारियों ने बैठक में बताया गया कि 90 विधायक आदर्श ग्रामों में से 67 विधायक आदर्श ग्राम खुले में शौचमुक्त हुए हैं। सांसद आदर्श ग्राम योजना में शामिल 15 आदर्श गांवों को भी खुले में शौचमुक्त घोषित किया जा चुका है।
बता दे कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश को दो अक्टूबर 2019 तक खुले में शौचमुक्त घोषित करने का लक्ष्य है, जबकि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य में इस मिशन को लगातार मिल रही उत्साहजनक सफलता को देखते हुए यह उम्मीद जताई है कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय लक्ष्य के एक वर्ष पहले ही दो अक्टूबर 2018 तक खुले में शौचमुक्त राज्य घोषित हो जाएगा। मुख्यमंत्री के इस लक्ष्य को लेकर राज्य स्वच्छ भारत मिशन के तहत मैदानी स्तर पर सभी संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी, पंच-सरपंचों और ग्रामीणों को साथ लेकर पूरी सक्रियता से काम कर रहे हैं।
इसी कड़ी में मुख्य सचिव ने मंत्रालय में बैठक लेकर मिशन की प्रगति की समीक्षा की। अधिकारियों ने उन्हें अब तक इस मिशन के तहत हुए कार्यों का ब्यौरा दिया। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में दस हजार 971 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से चार हजार 869 ग्राम पंचायतों और उनमें शामिल 8582 गांवों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है। अब 2018 तक 6102 ग्राम पंचायतों और 11 हजार 127 गांवों को खुले में शौचमुक्त घोषित करना है।
इसके लिए ग्रामीणों को घरों में शौचालय निर्माण की सलाह दी जा रही है। जनजागरण अभियान भी चलाया जा रहा है। अब तक प्रदेश भर में 15 लाख 79 हजार 102 घरों में पारिवारिक शौचालयों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इनमें से लगभग 11 लाख 85 हजार शौचालय स्वच्छ भारत मिशन के तहत और तीन लाख 94 हजार 298 शौचालय मनरेगा के तहत बनाए गए हैं। बैठक में मिशन की वित्तीय प्रगति की भी समीक्षा की गई।
बताया गया कि विगत वित्तीय वर्ष 2015-16 और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 को मिलाकर अब तक इस मिशन में कुल 497 करोड़ 53 लाख रूपए खर्च किए जा चुके हैं। मुख्य सचिव ने बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्कूल शिक्षा, पंचायत और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों को परस्पर समन्वय से काम करने के निर्देश दिए।