रायपुर— बागबहरा क्षेत्र के किसान पत्नी, लड़की और लड़के के साथ विधानसभा परिसर में गाँधी प्रतिमा के नीचे बैठने वाले मुद्दे पर अमित जोगी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था को सर्वोच्च मानते हैं। सम्मान और आदर भी करते हैं। लेकिन बताना चाहता हूं कि विधानसभा के अन्दर कोई पहला धरना नहीं था। 16 सालों में सैंकड़ों बार विधानसभा में धरना और प्रदर्शन हुए हैं।
तीनों विधायकों की निंदा के दौरान विपक्ष के कुछ के मेज थपथपाने पर अमित जोगी ने कहा कि सत्तापक्ष का मेजें थपथपाना समझ में आता है। विपक्ष भी मेज थपथपाए आश्चर्य दुर्भाग्य की बात है। किसानों के मुद्दों पर साथ देने की बजाय विपक्ष हम पर हुई कार्यवाही का ख़ुशी जाहिर किया है। जो शर्मनाक बात है।
मालूम हो कि बुधवार को अमित जोगी, आरके राय और सियाराम कौशिक ने फांसी लगा कर आत्महत्या करने वाले बाघबहारा क्षेत्र के मृत किसान की नेत्रहीन पत्नी, पुत्री और पुत्र के साथ न्याय की मांग करने विधानसभा परिसर में गाँधी प्रतीमा के नीचे धरना प्रदर्शन किया था। इसके बाद पीडित परिवार को मुख्यमंत्री से मिलाकर मुआवजा और नौकरी की मांग की थी।
अमित जोगी ने आज विधानसभा में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज का मुद्दा शून्य काल में उठाया। जोगी ने इस घटना में न्यायिक जांच की मांग की। जोगी ने कहा कि आखिर किसके आदेश पर आंदोलनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं के सिर फूटे और पूर्व मंत्री को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। बार-बार लाठीचार्ज का उद्देश्य क्या था। ऐसे संवेदनशील बिंदु हैं जिनका उत्तर सरकार को देना होगा।
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