गुरुवार व्रत से आएगी प्रदेश में सुख,समृद्धि-पाण्डेय

Shri Mi
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guruwarबिलासपुर। आदित्य वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष शैलेष पाण्डेय का कहना है कि आज हमारा देश आर्थिक नजर से एक कठिन समय से गुजर रहा है। देश को आर्थिक स्तर पर एक नए आयाम तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार द्वारा पहल की गई है, इसमें 1000 और 500 के नोट बंद करने की घोपणा की गई है। लिहाजा 1000 और 500 के नोट बंद किए जाने के फैसले से हमारे देश प्रदेश की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सभी वर्ग के लोगों को हर दिन एक संघर्ष इससे जुडे़े हर वर्ग के लोग मेहनत कर रहे हैं।

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                                                      खासकर देश भर के बैंक कर्मचारी आम जनता को राहत देने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। इसके साथ सरकार का पूरा अमला बेहतर से बेहतर काम करके स्थिति को सामान्य करने में जुटा हुआ है। कांग्रेस व अन्य सभी राष्ट्रीय व प्रदेश की पार्टियां देश की जनता की खुशहाली चाहते हैं। श्री पाण्डेय ने बताया कि हमारे धर्म और संस्कृति विशवगुरू है, इसलिए ऐसे कठिन समय का धर्म और संस्कृति में भी सभी उपाए हंै। कर्म के साथ धर्म को भी साथ लेकर चलना चाहिए, ऐसे समय में देवी देवताओं की अराधना से भी संकट कटते हैं। धार्मिक दृप्टि से यह समय बेहद अनुकुल हैै, इसलिए आर्थिक संकट से उभरने के लिए प्रदेश की पूरी जनता को अगहन गुरूवार का व्रत रखना चाहिए। श्री पाण्डेय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अगहन माह के गुरुवार का विशेष महत्व है। इस वर्ष मृगशीश नक्षत्र में अगहन का प्रथम गुरुवार का पर्व मनाया जा रहा है। अगहन माह में जब मृगशीश नक्षत्र हो तब मां भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है। साथ ही साथ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत भी है, जो स्त्रियों के लिए सौभाग्यशाली है।

                                                       मृगशीश नक्षत्र के साथ पूर्णिमा होने के कारण अगहन माह को मार्गशीर्ष माह भी कहा जाता है। शास्त्रगत मान्यताओं के आधार पर अगहन गुरुवार में व्रत रखने का विधान है। इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प किया जाता है और शाम को चंद्रमा के उदित होने के उपरांत पुष्प, नैवेध, धूप, दीप प्रज्वलित कर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यतानुसार अगहन माह महालक्ष्मी का महीना माना गया है। इस माह के गुरुवार को धन देवी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सुख-शांति व समृद्धि मिलती है। मान्यता है कि इस माह मां लक्ष्मी महीने भर पृथ्वी में विचरण करती हैं। गुरुवार को इनका आगमन ऐसे भक्त के यहां होता है, जिनके घर में साफ-सफाई, सजावट व मन, वचन और कर्म से पूरी सात्विकता रहती है।

                                                          यही वजह है कि महिलाएं हर बुधवार को घर-द्वारा को रंगोली से सजा कर मां पूजा स्थल तक देवी के पग चिन्ह बना कर गुरुवार को भोर में उनका आह्वान करते हैं। अगहन मास के पावन अवसर पर प्रत्येक गुरूवार को श्री लक्ष्मी नारायण भगवान की आराधना पूजन करने से देश में उत्पंन समस्त आर्थिक समस्याओं का समाधान सम्भव हो सकता है। श्री पाण्डेय ने सभी लोगों से आव्हान किया कि माताएं, बहने, भाई, बड़े सभी इस व्रत को करें। लोगों को इस संबंध में अधिक से अधिक जानकारी देने और आर्थिक संकट को धर्म और श्रद्व से दूर करने के लिए पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निष्चलानंद जी सरस्वती के निर्दश पर बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में पीठ परिपद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष झम्मनषास्त्री, आनंद वाहिनी की राप्ट्रीय महामंत्री सीमा तिवारी, संदीप पाण्डेय, प्रफुल्ल शर्मा, आदित्य वाहिनी के जिलाअध्यक्ष अभिषेक पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। ज्ञात हो कि इस वर्प अच्छी बारिश की के लिए शंकराचार्य स्वामी निष्चलानंद जी महाराज के नेतृत्व में प्रदेश के सबसे कम वर्पा के क्षेत्र भिलाई-दुर्ग में श्री वरूण महायज्ञ का आयोजन किया गया था। यह यज्ञ प्रदेश की जनता की खुशहाली और संमृद्वि के लिए किया गया था।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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