नया नोट जमाकर दुबे ने बनाया रिकार्ड…बैंककर्मियों में ह़ड़कम्प

BHASKAR MISHRA
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IMG_20161113_215751_963बिलासपुर—शहर के वरिष्ठ रिटायर्ड बैंक कर्मी और सम्मानित नागरिक नारायण प्रसाद दुबे ने अंजाने में ही बैंक कर्मचारियों को पशोपेश में डाल दिया। इसके साथ ही उन्होने ने अंजाने में ही बिलासपुर को नाय रिकार्ड दिया। नारायण दुबे जूना बिलासपुर स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की मुख्य शाखा में दो-दो हजार के चार नोट जमा करने पहुंचे। ऐसे कर उन्होने काउंटर पर बैठे सभी कर्मचारियों को पशोपेश में डाल दिया।

             
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                            नारायण दुबे ने आज बैंक की व्यवस्था पर चोट करते हुए बिलासपुर के लिए किर्तीमान बनाया है। 82 साल के नारायण दुबे आज दो-दो हज़ार के चार नोट जमा करने सेन्ट्रल बैंक पहुंचे।  बैंक की जमा पर्ची में नोटों के विवरण में दो हज़ार नोट का जिक्र नहीं था। दुबे ने स्लिप में हाथ से ही 2000 X 4 = 8000 भरकर कैशियर को थमा दिया। विवरणिका पढ़ने के बाद कैशियर ने तत्काल बैंक अधिकारियों को जानकारी दी। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर किया क्या जाए। क्योंकि नया नोट जमा करने वाला पहला इंसान उनके सामने खड़ा है। जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।

                         अधिकारियों ने नारायण दुबे से जानना चाहा कि आखिर नया नोट क्यों जमा करना चाहते हैं। इस बीच अधिकारियों ने सहकर्मियों से जानने का प्रयास किया कि क्या नया नोट जमा किया जा सकता है। इस मामले में रिजर्व बैंक के क्या दिशा निर्देश हैं…। बात को लेकर बैंक कर्मचारियों में कापी देर तक हड़कंप मचा रहा। N P Dubey

अधिकारियों को 82 साल के नारायण प्रसाद दुबे ने बताया कि वह सेन्ट्रल बैंक से उच्च पद से रिटायर्ड हुए हैं। उन्होने बताया कि मुझे रोज़ाना खर्चे के लिए फुटकर नोट चाहीए था। लेकिन कैशियर ने मुझे बड़े नोट थमा दिये। चूंकि मेरा खाता सेन्ट्रल बैंक में ही है इसलिए नए नोट को जमा कर फुटकर लेना चाहता हूं।  दुबे ने बताया कि मैने कमोबेश सभी काउन्टर में जाकर चिल्हर की माग की। लेकिन मेरी समस्या का किसी ने निदान नहीं किया।

               अधिकारियों को नारायण दुबे ने बताया कि आपकी शाखा ने मुझे और मेरे बेटे को एक्सचेंज में दो-दो हजार के कुल चार नोट दिए हैं। मुझे चिल्हर चाहिए था। इसलिए बैंक स्लिप विवरणिका में दो-दो हज़ार के दो नोटों की संख्या दर्ज कर जमा करने पहुंच गया।

                           मालूम हो कि तालापारा रोड विनोबा नगर निवासी 82 साल के नारायण प्रसाद दुबे की पेंशन दिवाली के पहले ही जमा हो चुका था। उन्होंने दिवाली के पहले ही पेंशन निकाल लिया था। निकाली गयी रकम में अधिकांश राशि हज़ार और पांच सौ के नोटों में थी। आज नोटों को बदलवाने अपने बेटे के साथ नारायण दुबे बैंक गए। कैशियर ने उन्हें  दो हज़ार के नोट थमा दिए। नोटों को तुड़वाने के लिए दुबे ने सेंट्रल बैंक के दूसरे काउंटरों का चक्कर लगाया। किसी ने मदद नहींं की और ना ही सीधे मुंह कुछ बताया। सभी ने एक ही जवाब दिया कि चिल्हर देने का अधिकार उनके पास नहीं है। अगर चेक या विड्राल फार्म से अपने खाते से रकम निकालेंगे तो उन्हें सौ-सौ के नोट दिए जायेंगे। अंत मेंं नारायण दुबे ने वही किया। फिर क्या था…उन्होने अंजाने में ना केवल एक रिकार्ड बनाया… बल्कि बैंक कर्मचारियों में हड़कम्प भी मचा दिया।

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