डायबिटीज की राजधानी है भारत

Chief Editor

die1बिलासपुर। विश्व मधुमेह दिवस, 14 नवंबर के पूर्व शुक्रवार को  डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एक दिवसीय स्वास्थ्य जागरूकता आयोजन में आपोलों के चिकित्सक डॉ.मनोज राय, चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश देवरस और विश्वविद्यालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अविजीत रायजादा ने मधुमेह और इससे बचाव के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, अधिकारी-कर्मचारियों के शुगर की जांच की गई।

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शिविर में चिकित्सकों का का कहना है कि डायबिटीज पहले अमीरों की बीमारी हुआ करती थी। अर्थव्यवस्था बढ़ने के कारण गरीब तबके लोगें भी संसाधनों का उपयोग करने लगे। इसलिए यह बीमारी गरीबों को भी होने लगी। भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इसलिए दुनिया के सामने अब भारत डायबिटीज की राजधानी बन गया है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर.पी.दुबे ने कहा कि किसी भी विषय पर जागरूकता लाने की पहली जिम्मेदारी शिक्षण संस्थानों की die2होती है। इसमें स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्याल शामिल है और इन तीनों में चूंकि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा देने का काम करता है, इस नाते सबसे पहली जिम्मेदारी विवि की है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, अधिकारियों-कर्मचारियों सहित उपस्थित सभी लोगों का शुगर, बल्डप्रेशर और हार्डबीट की जांच की गई। शिविर में विद्यार्थियों व आसपास के लोगों ने जांच कराई। जरूरतों को दवाएं भी वितरित की गई। जागरूता कार्यक्रम ने सभी ने बढ चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही विश्वविद्यालय में जागरूकता रैली निकलकर लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की अपील की गई। इस अवसर पर सुनील मौर्य के ग्रुप ने व्यायाम को डांस के रूम में दिखाया। इसमें उन्होंने जुम्बा व एरेबिक डांस के माध्यम से शरीर के हर अंग के व्यायाम के तरीके और उसके फायदे भी बताए। इससे शरीर को स्वस्थ्य रखा जा सकता है, प्रतिदिन डांस से हमें व्यायाम करने की जरूरत नहीं होती है।
मैकेनिकल लाइफ स्टाइल से बचे-कुलसचिव
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि आज का जीवन हम मैकेनिकल लाइफ के जैसा जी रहे हैं। यही कारण है कि शरीर के सभी भागों का मूव्हमेंट नहीं हो पाता है। साथ ही कठिन जीवन शैली के कारण हम अनियमित दिनचर्चा से जीवन जी रहे हैं। यह दो ही महत्वपूर्ण कारण है जो मधुमेह जैसी बीमारी का घर हमारे शरीर में बनाती है। इसलिए कम से कम 20 मिनट प्रतिदिन व्यायाम करें और दिनचर्चा को नियमित रखें। die4ए,बी,सी,डी न करें बस ई करें-डॉ. रायजादा

इस अवसर पर डॉ. रायजादा ने पीपीपी पेंजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया कि हमारा देश शुगर के मरीजों के मामले में दूसरे नंबर पर है। उन्होंने विद्यार्थियों को अल्फाबेड के माध्यम से समझाते हुए बताया कि सभी को ए यानी एल्कोहल, बी यानी बीडी सिगरेट, सी यानी चिकन मटन और डी यानी ड्रग्स का सेवन न करें। हॉ ई यानी कि एक्सरसाइज जरूर करें डॉ.रायजादा ने बताया कि शिक्षा, संस्कार,संपत्ति के साथ बीमारी भी पीढ़ी में मिलती है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवन के हर क्षेत्र में इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
die3जागरूकता के लिए ज्ञान के मंदिर से अच्छी जगह नहीं-डॉ.राय
इस अवसर पर आपोलों के चिकित्सक डॉ. मनोज राय ने बताया कि स्वास्थ्य की जागरूकता की शुरूवात के लिए ज्ञान के मंदिर से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। आज मधुमेह की जैसी बीमारी के लिए सिर्फ डॉ.या अस्पताल ही र्प्याप्त नहीं है। समाजिक रूप से जागरूक होना जरूरी है तभी हम मधुमेह जैसी बीमारी से लड़ सकेंंगे।

टीबी-शुगर भाई-भाई-डॉ. देवरस
इस अवसर पर चेस्ट और टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश देवरस ने टीबी और मधुमेह के बीच संबंध और इससे होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. अखिलेश ने बताया कि मधुमेह संक्रामक रोग नहीं है, लेकिन यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को लगातार कम करता है। यह बीमारी एक दूसरे के भाई है, जो एक दूसरे को सहयोग करके बढाती है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर हुए आयोजन
विश्वविद्यालय में देश के पूर्व शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। इस संबंध में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी के निर्देश के अनुसार विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। विद्यार्थियों ने बैनर,पोस्टर और निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गईं। जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

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