यूनिसेफ की भूमिका और घुमंतू बच्चों पर विमर्श

BHASKAR MISHRA
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DSC_0173बिलासपुर—-जीआरपी और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में बिलासपुर मंडल के एनईआई सभागार में बालकों की सुरक्षा और अधिकारों पर राज्य स्तरीय कार्यशाला के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों ने अपने विचार रखे। साथ ही कार्यक्रम और यूनिसेफ की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।

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                                                 प्रशिक्षण कार्यशाला में मंडल रेल प्रबंधक बी.गोनीनाथ मलिया, आई जी विवेकानंद सिन्हा समेत मुख्य सतर्कता आयुक्त रविन्द्र वर्मा, वाणिज्य प्रबंधक रेलवे रश्मि गौतम, मंडल सुरक्षा आयुक्त बी.एस.नाथ,बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष मीना बख्शी,एडिश्ल एसपी अर्चना झा, पुलिस अधीक्षक रेल पारूल माथुर, युनिसेफ अधिकारी मेडम गार्गी साहा, संजय तिवारी, समेत मंडल कर्मचारी, आरपीएफ और जीआरपी का स्टाफ भी उपस्थित था।

                                                                                   पारूल माथुर ने कार्याशाला के उदृृदेश्य और महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होने बच्चों पर होने वाली घटनाओं पर चिंता जाहिर की। पारूल ने बताया कि पिछले तीन सालों में जीआरपी ने रेलवे परिक्षेत्रों में गुमशुदा और घुमंतु 900 बच्चों को परिजनों और  चाइल्ड केयर लाइन के हवाले किया है। यूनिसेफ की चाइल्ड प्रोटेक्टर गार्गी साहा ने विभिन्न विभागों से समन्वय और यूनिसेफ की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी।

                             मंडल रेल प्रबंधक बी.गोपीनाथ मलिया ने कहा कि बच्चों का मामला संवेदनशील मुद्दा है। रेलवे स्टेशनो पर काम करने वाले कर्मचारी अपने कर्तव्यों का बेहतर निर्वहन कर रहे हैं। जिम्मेदारी के साथ गुमशुदा और घुमंतु बच्चो को परिजनो से मिलाने के लिए इमानदारी से काम कर रहे हैं।

                                                        आईजी विवेकानंद सिन्हा ने गुमशुदा और घुमंतु बच्चों को प्रेरित करते हुए सकारात्मक पहल से बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की बात कही।

                                                                             मुख्य सुरक्षा आयुक्त रविन्द्र वर्मा ने कहा कि आरपीएफ और जीआरपी के सहयोग से बिछडे और गुमशुदे बच्चों का विशेष घ्यान रखते हुए चाइल्ड केयर लाइन अथवा उनके परिजनों तक पहुचाने का बेहतर प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा सुरक्षा हेल्प लाइन के माध्यम से भी मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। साफ्ट स्किल का प्रशिक्षण देते हुए ऐसे बच्चों के होने वाले व्यवहार के बारे में जवानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ।

                        वरि.मंडल सुरक्षा आयुक्त बी.एस.नाथ ने कहा कि बच्चों के अधिकार की रक्षा परमार्थ भाव से करना चाहिए। कानून के होते हुए कानून का उल्लंघन नही करना चाहिए।  बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा मीना बख्शी ने कहा कि इसमें सबकी भागीदारी जरूरी है। बच्चों की समस्याओं से पूर्ण रूप से अवगत होकर कार्य करना चाहिए।

यूनिसेफ के संजय तिवारी ने रेल मंत्रालय से जारी गाइडलाईन के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि रेलवे इस क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहा है। गाइडलाईन में सभी के अधिकारों,मदों और कर्तव्यों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।

                                                           बिछडे बच्चो को उनके परिजनो तक पहुंचाने के लिए सिस्टम बनाया गया है।rail demu 1098 चाईल्ड हैल्प डैस्क का हैल्प लाईन नम्बर की सहायता से यात्रियों और स्टेशनों पर उपस्थित कर्मचारियों की जागरूकता से  समस्या को दूर किया जा सकता है।

किलाबंदी चेकिंग अभियान

चांपा स्टेशन में किलाबन्दी टिकट चेकिंग अभियान चलाया गया। बिना टिकट के 87 मामलों में कार्यवाही की गयी। अनियमित टिकट के 129 मामले,बिना बुक लगेज के 219,गंदगी फैलाने के 10 मामले दर्ज किये गए। रेलवे प्रशासन ने कुल 445 मामलों से करीब एक लाख रूपए जुर्माना वसूला। अभियान में वरिष्ठ रेल अधिकारियों के अलावा वाणिज्य निरीक्षक, टीटीई आरपीएफ स्टाफ ने भी शिरकत किया। कार्यवाही 25 गाडियों में गी गयी।

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