रायपुर— मरवाही विधायक अमित जोगी ने कहा है कि नगरनार संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में निंदा प्रस्ताव लाने का एलान किया है। जोगी ने प्रेस नोट जारी कर विधानसभा के सभी सदस्यों को नगरनार संयंत्र बेचे जाने के खिलाफ दलगत निष्ठा से ऊपर उठने की अपील की है। सभी विधायकों से निंदा प्रस्ताव के समर्थन देने को कहा है।
मरवाही विधायक अमित जोगी ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया को पत्र लिखकर कहा है कि नगरनार संयंत्र को विनिवेश की सूची में रखे जाने का निर्णय किस आधार पर लिया गया है। जबकि संयंत्र अभी निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा है कि लोकतांत्रिक राज्य सरकार को जानकारी भी नहीं है कि संयंत्र का निजीकरण किया जा रहा है।
अमित जोगी ने कहा कि भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ और बस्तर की नियति हमेशा ठगा जाना है। प्लांट की कल्पना छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने की थी। शुरुआती दौर में एक हजार एकड़ जमीन अधिग्रहित सर्वसम्मति से की गयी। केंद्र और राज्य सरकार बताए कि जमीन तो सरकारी कंपनी एनएमडीसी को दी गई थी। निजी कंपनी को नहीं। अब उन ग्रामीणों के भविष्य का क्या होगा जिन्होंने जमीन प्लांट के लिए दी थी। अब तक मुआवजा भी नहीं मिला है। उन स्थानीय युवाओं का क्या होगा जो वे नौकरी मिलने की आस लगाए बैठे हैं।
अक्टूबर में केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा था कि नगरनार संयंत्र को न तो बेचेंगे न ही इसके लिए किसी पार्टनर की जरुरत है। महज 20 दिन में ऐसा क्या हो गया कि नीति आयोग ने विनिवेश सूची में संयंत्र को शामिल कर लिया।
अमित जोगी ने कहा कि इससे पूर्व भी भाजपा सरकार ने बालको के साथ ऐसा ही किया था। जिसका पूर्व मुख्यमंत्री ने विरोध किया था। आज बालको की क्या स्थिति है।एक बार फिर केंद्र का थोपा हुआ निर्णय झेलने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और जनता बाध्य होंगी। लेकिन छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस नगरनार संयंत्र को बेचे जाने के निर्णय का विरोध करती है। ऐसा किसी हालत में नहीं होने दिया जाएगा।