भक्तों की भीड़ भगवान भरोसे:स्वास्थ्य महकमा नदारद

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

IMG-20161106-WA0237बिलासपुर— सूर्य उपासना का महापर्व छठ घाट बिलासपुर में धूम धाम और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। भक्तों ने आज डूबते सूरज को अर्घ्य दिया। इस उम्मीद के साथ कि भगवान भास्कर की कृपा सभी दुनिया के एक एक जीव जन्तु और मानव जाति पर बनी रहेगी। सात नवम्बर को उघते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा। तोरवा स्थित अरपा तट पर हर साल छठ घाट धूम धाम से मनाया जाता है। प्रशासन स्तर पर आयोजन में स्वास्थ्य से लेकर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाती है। इस बार स्वास्थ्य विकी व्यवस्था भगवान भरोसे देखने को मिला।

Join Our WhatsApp Group Join Now

हर साल साल छठ घाट में सूर्य उपासना पर्व के दौरान अपोलो हास्पिटल की रेस्क्यू टीम तैनाती रहती थी। इस बार कहीं नहीं दिखायी दी। आयोजकों ने बताया कि हमने प्रशासन से लेकर सिम्स और अपोलो को पत्र लिखकर स्वास्थ्य महकमें को टीम को तैनात करने के लिए पत्र के साथ व्यक्तिगत रूप से निवेदन किया था। लेकिन किसी ने भी ना तो हमे और ना ही निवेदन पत्र को गंभीरता से लिया। ऊपर वाले की दया है कि इस दौरान किसी प्रकार की अनहोनी की स्थिति नहीं बनी। जबकि हर साल अपोलों की स्वास्थ्य टीम उत्सव के दौरान तैनात रहती थी। इस बार उन्होने स्टाल नहीं लगाया।

छठ घाट पर पर्व के दौरान तीन दिन के भीतर हजारो भक्त और लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। जिला प्रशासन के सभी विभागों का सहयोग मिला । लेकिन स्वास्थ्य महकमें से चिकित्सक क्या कम्पाउन्डर भी नहीं आया। यदि इस दौरान कोई घायल या गंभीर रूप से बीमार हो जाता तो किसकी जिम्मेदारी होती। फिलहाल इस पर पाटलीपुत्र संस्कृति समिति के पदाधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। लेकिन उन्हें इस बात को लेकर मलाल जरूर है कि आखिर किन कारणों से अपोलो या सिम्स ने चिकित्सकों की रेस्क्यू टीम को तैनात नहीं किया। जबकि व्यक्तिगत रूप से उनसे सम्पर्क किया गया था।

छठ घाट पर पर्व के दिन हमेशा हादसा की आंशका बनी रहती है। हादसों के मद्देनजर पुलिस के साथ स्वास्थ्य विभाग का महत्व कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है। पानी में डूबने, भीड़ के दौरान अटैक या फिर भगदड़ में घायल लोगों के प्राथमिक उपचार के लिए सबसे पहले मेले में उपस्थित रेस्क्यू टीम का ही सहारा लिया जाता है। लेकिन इस बार छठ घाट में ऐसे किसी स्थित से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। सब कुछ भगवान भरोसे था।

नाम नहीं छापने की शर्त में एक जानकर व्यक्ति ने बताया कि ऐसा लगता है कि छठ पर्व को लेकर स्वास्थ्य महकमा आंतरिक रूप से नाराज है। यदि हादसा होता तो वे सारा ठिकड़ा समिति के सिर पर फोड़ देते।

close