रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर की अध्यक्षता मे सोमवार को मंत्रालय में पंचायत विभाग की राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक हुई।जिसमे मंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि समिति के गठन के उद्देश्य के अनुरूप अच्छे ढंग से कार्यो का सम्पादन करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।इसलिए शासन की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में हम सब की व्यक्तिगत सहभागिता आवश्यक है।
चन्द्राकर ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत मजदूरों के भुगतान के लिए बैंकिंग तकनीकियों का उपयोग कर शीघ्र भुगतान की दिशा में पहल करने का सुझाव भी अधिकारियों को दिया। बैठक में गृह मंत्री रामसेवक पैकरा, विधायकगण और पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अपर मुख्य सचिव एम.के. राउत, सचिव पी.सी. मिश्रा सहित संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में अब तक लगभग 39 लाख परिवार पंजीकृत है। मांग के आधार वर्ष 2015-16 में मार्च 2016 की स्थिति में 21 लाख 74 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इसी प्रकार वर्ष 2016-17 में माह अगस्त 2016 की स्थिति में 37 लाख से अधिक परिवारों का पंजीयन किया गया और मांग के आधार पर 18 लाख परिवारों को रोजगार मुहैया कराया गया। इससे लगभग 615 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित हुआ।
बैठक में राजस्व विभाग के अंतर्गत ‘राष्ट्रीय भू-रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम’ की भी समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 26 जिलों में ऑनलाईन भू-रिकार्ड की कार्रवाई किया जा रहा है। इससे आम लोग बी-1 नकल, नक्शा, खसरा ऑनलाईन प्राप्त कर सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में राजस्व ग्रामों की संख्या 20 हजार 208 है। पटवारी हल्कों की संख्या पांच हजार दो और राजस्व निरीक्षक मंडल की संख्या 16 तथा 150 तहसीलों व 53 उपतहसीलों से प्राप्त जानकारी के आधार पर कम्प्यूटराईज्ड भू-रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसी जमीन की खरीदी-बिक्री के बाद तहसील ऑफिस में सूचना प्राप्त होते ही पंजीयन कार्यालय में स्वमोटो ही नामांत्रण की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इन बीस हजार 208 ग्रामों में से 19 हजार 395 ग्रामों के राजस्व रिकार्डो के कम्प्यूटरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है।