बिलासपुर— कांग्रेसियों ने रमन के गोंठ कार्यक्रम को झूठ का पुलिंदा कहा है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश की भोली- भाली जनता को गुमराह करने से बाज आयें।
पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला और नगर निगम नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरूद्दीन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री के गोंठ को झूठ का पुलिंदा कहा है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि चिटफंड कंपनियों को भाजपा सरकार ने ही भोली भाली जनता को लूटने के लिए बुलाया था। राजनांदगाव रोजगार मेंले में कलकत्ता की चिटफंड कम्पनी को स्टाल देने वाला कौन है सभी लोग जानते हैं। जांजगीर जिला में आयोजित रोजगार मेंले में चिटफंड कंपनियों को पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल ने स्वागत किया। इसी तरह अन्य जिलों में जिला कलेक्टरों ने पढ़े- लिखे बेरोजगार नौजवानों को चिटफंड कम्पनी का एजेंट बनाया। अब उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि बेरोजगार नौजवनों को एजेंटों बनाकर चिटफंड कंपनियों ने भोली भाली जनता को जमकर लूटा। जनता ने जब चिल्लाने शुरू किया तो पुलिस प्रशासन ने चिटफंड कंपनियों की वजाय एजेंटों को परेशान करना शुरू कर दिया। यह जानते हुए भी कि एंजेटों की नियुक्ति प्रशासन ने की है। कांग्रेस नेताओ ने कहा मुख्यमंत्री को नसीहत देने का अधिकार नहीं है। कलकत्ता की चिटफंड कम्पनी को बुलाने वाले भाजपा के ही नेता हैं। कलेक्टरों ने बिना जांच पड़ताल किेए फर्जी कंपनियों को रोजगार मेले में स्टाॅल दिया। यदि मुख्यमंत्री जनता के हितों को संवेदनशील है तो सबसे पहले चिटफंड कंपनी को रोजगार मेले में स्टाल देने वाले नेताओं और कलेक्टरों के पर कार्यवाही करनी चाहिए।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार शासन,प्रशासन और भाजपा के नेताओं ने सोची- समझी रणनीति के तहत् कलकत्ता की चिटफंड कम्पनियों को छ.ग. में लांच किया। जनता की मेहनत का पैसा लगवाकर कंपनी को भाग दिया। पीड़ित लोग जमा पूंजी पाने के लिए दर-दर भटक रहें है। मुख्यमंत्री ’’रमन के गोठ’’ के बहाने जनता को गुमराह कर रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को खुश करने स्वच्छता अभियान में मुख्यमंत्री ने 700 करोड़ रूपए खर्च करने का एलान किया। बावजूद इसके बिलासपुर की हालत नहीं सुधरी। रोड, नाली की स्थिति बद से बदतर है। जगह-जगह कचरे के ढेर व्यवस्था का मुंह चिढ़ा रहे हैं। शहर की जनता दूषित पानी पीने को मजबूर है। सड़कों पर आवारा पशुओं का राज्य है। राष्ट्रीय स्तर की संस्था ने छ.ग. को भारत के तीसरे नम्बर का सबसे गंदा राज्य माना है। जनता ने भी गोंठ का अर्थ समझ चुकी है। जनता क्या चाहती है 2018 विधानसभा चुनाव में सरकार को पता चल जाएगा।