बिलासपुर।जिनकी आवाज पर जू के वन्य जीव अपनी प्रतिक्रिया देते और दुलार कराने केज के करीब आ जाते,वो छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जू कानन पेंडारी बिलासपुर से 16 साल देने के बाद आज ठाकुर विश्वनाथ सिंह रिटायर्ड हो गए। जू उनका घर रहा,और उन्होंने जू को परिवार से अधिक तरजीह दी। उनकी सेवा संविदा के रूप में लिए जाने के लिए किये गए प्रयास भी परवान न चढ़ सके।कानन पेण्डारी जू में पदस्थ उपवनक्षेत्रपाल श्री विश्वनाथसिंह ठाकुर को उनकी सेवानिवृत्ति केपर उन्हें कानन पेण्डारी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विदाई दी ।
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विश्वनाथसिंह ठाकुर के द्वारा कानन के वन्यजीवों के संरक्षण एवं सवर्धन के साथ उनकी बेहतर रहवास व्यवस्था से जू में वन्यजीवों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ और इनकी संख्या में वृद्धि । कानन के अधिकांश वन्यजीव श्री ठाकुर के आवाज से अपनी प्रतिक्रिया देते ,जिनमें लायन प्रिंस, हिप्पो गजनी, जंगली सूअर राजू , चीतल रानी, टाईगर आकाश एवं टाईग्रेस चेरी व आशा प्रमुख हैं।कानन में इनके लम्बी व समर्पित सेवा का ही परिणाम है कि यहां आज 66 प्रजातियों के लगभग 560 की संख्या में वन्यप्राणी स्वस्थ एवं सुरक्षित हैं। उनको विदाई देने एन.के श्रीवास्तव अधीक्षक, टी.आर जायसवाल रेंजर के साथ राज्य स्तरीय वन्यजीव समन्वय समिति के सदस्य द्वारिकासिंह उपस्थित थे। वन्य विभाग को उनकी सेवा का लाभ लेने संविदा नियुक्ति देनी चाहिए।