तिरस्कार के बाद बेटी को फंदे का सहारा

BHASKAR MISHRA
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IMG_20160825_204733_051बिलासपुर— पिता के तिरस्कार से दुखी बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जरूरी कार्रवाई की बात कह रही है। महिला ने अपने पीछे एक मासूम बच्चे को भी छोड़ा है।

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                                सेंदरी निवासी अंजोरा बाई फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मौके पर पहुची पुलिस ने पूछताछ के बाद मर्ग कायम किया है। जानकारी के अनुसार सुबह अंजोरा बाई की जेठानी शांति सोनवानी ने दरवाजा खटखटाया तो अंजोरा का सात साल का बेटा योगेश ने दरवाजा खोला। इस बीच उसने देखा कि उसकी मां का शव दिवाल के सहारे फंदे में झुल रहा है। लाश को देखते ही बेटा रोने लगा। अंजोरा की जेठानी को योगेश ने बताया कि उसकी मां ने फांसी लगा ली है।

                          शांति सोनवानी ने अंजोरा के पति सुनील को फोन पर जानकारी दी। उस समय अंजोरा का पति गाड़ी चलाने बाहर गया था। पुलिस पूछताछ में मालूम हुआ कि अंजोरा का सुनील से परिजनों की रजामंदी से प्रेम विवाह हुआ था। सुनील ईसाई धर्म को मानता था। अंजोरा भी ईसाई धर्म को मानने लगी। सामाज ने अंजारो का बहिष्कार कर दिया।

               समाज के रसूखदारों ने अंजोरा के पिता तुलसी राम बंजारे को बताया कि यदि वह अंजोरा से संबंध रखेगा तो उसका सालसमाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इसके बाद तुलसी राम बंजारे ने अंजोरा से संबंध तोड़ लिया था। कुछ महीने पहले अंजोरा के भाई और बहन की शादी हुई लेकिन उसे नहीं बुलाया गया। 18 अगस्त को राखी के दिन जेठानी ने कहा कि तेरा मायका बगल में है जाकर भाई को राखी बाधें। लेकिन अंजोरा ने जेठानी की बातों को टाल दिया। परेशान अंजोरा ने एक दिन पहले रात को फासी लगाकर आत्महत्या कर ली।

                         सूचना के बाद मौके पर पहुची पुलिस ने अंजोरा के परिजनो से पूछताछ की। बुलाने के बाद भी अंजोरा का पिता तुलसी राम बंजारे नही आया। तुलसी राम अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुआ।

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