बिलासपुर—जिले के बहुचर्चित नसबंदी कांड में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। मालूम हो कि दो साल पहले नवंबर 2014 में सकरी के एक निजी अस्पताल में राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई। कई गंभीर रूप से बीमार हो गई थीं।
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नसबंदी कांड में प्रकाशित खबरों को लेकर हाईकोर्ट ने स्वत:संज्ञान से जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर शासन से जवाब मांगा। शासन ने बार-बार समय लिया और कई महीने तक जवाब नहीं दिया।
दिल्ली के एक सामाजिक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में अलग से याचिका दायर कर नसबंदी पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। इसके बाद शासन ने हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि चूंकि समान सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, इसलिए इस कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई रोकी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने रा’य सरकार से पूरी रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
सरकार को निर्देश दिया गया कि मामले में अब तक किस किस पर क्या क्या कार्रवाई की गयी है। दस्तावेजों के साथ जानकारी दे। बीते चार अगस्त को महाधिवक्ता जेके गिल्डा ने मामले में उपस्थित होकर राज्य सरकार का पक्ष रखा। हालांकि इससे पहले जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से सरकार ने कई बार समय लिया था।