बिलासपुर—पी.के. सिन्हा ने एसईसीएल के निदेषक तकनीकी योजना/परियोजना का आज पदभार ग्रहण किया। इसके पहले सिन्हा ने अपने 34 साल के लम्बे सेवा के दौरान कोल माईनिंग क्षेत्रों के एसईसीएल, सीएमपीडीआईएल, डब्ल्यूसीएल, एनसीएल में कार्य किया है। सिन्हा ने अपनी सेवा की शुरूआत एसईसीएल कोरबा से की है। बांकी अण्डरग्राउण्ड को साल 1982 से 1986 तक सेवा दे चुके हैं।
इसके पहले सिन्हा 1988 से 1993 तक सीएमपीडीआईएल मुख्यालय, रांची में अपनी सेवाएॅं दी है। इस दौरान कोयला खदान में ’’विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’’ क्षेत्र में कार्य को आगे बढ़ाया है। साल 1993- 2007 तक डब्ल्यूसीएल के माजरी, चारगाॅंव, नवीनकुनादा और गोंडेगांव ओपनकास्ट काॅलरी समेत विभिन्न परियोजनाओं में जिम्मेदार पदों में रहते हुए कई कीर्तिमान स्थापित किये है ।
सिन्हा एनसीएल में 2007 से 2016 के दौरान प्रोजेक्ट मैनेजर और प्रोजेक्ट प्रमुख के रूप में भी कार्य किया है।साल 2010-11 में जयंत परियोजना ने सिन्हा की अगुवाई में मात्र एक दिन में ही रिकार्ड 2.05 लाख टन कोयला उत्पादन कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। सिन्हा के ही नेतृत्व में एक ही सत्र में 15.5 मिलियन टन वार्षिक रिकार्ड कोयला उत्पादन भी दर्ज किया गया।
पी.के.सिन्हा ने एनसीएल परियोजना प्रमुख रहते हुए ’’जयंत’’और ’’अमलोरी’’ ओपन कास्ट खदानों में नवीनतम तकनीकों का प्रयोग किया गया. उपलब्ध संसाधनों के उपयोग से उत्पादकता बढ़ाने के साथ लागत में कमी करते हुए कोयले का रिकार्ड उत्पादन किया गया।
एसईसीएल के नवपदस्थ निदेशक तकनीकी योजना/परियोजना पी.के. सिन्हा को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है । साल 2010-11 में ’’एमपीपीसीबी-भोपाल’’ ने जयंत परियोजना में उत्कृष्ठ कार्य के लिए ’’एक्सीलेन्स इन इन्वायरमेन्ट मैनेजमेन्ट’’ का पुरस्कार दिया। 2012 और 2013 में सिन्हा को ’’एच.बी. घोष मेमोरियल अवार्ड’’ कोलकाता की संस्था ’’एमजीएमआई’’ से ’’बेस्ट माईन्स मैनेजर’’ के रूप में नवाजा गया । सिन्हा अपने सेवाकाल के दौरान कई अंतर्राष्ट्रीय फोरम और संस्थानों के साथ अनुभवों को साझा किया है।