स्पेशल टीम का स्पेशल विवाद…

BHASKAR MISHRA
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sp office 1बिलासपुर— गंभीर अपराधों के नियंत्रण और पतासाजी के लिए एक बार फिर स्पेशल टीम का गठन किया गया है। गठन के साथ ही टीम विवादों से घिर गयी है। टीम में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जिन पर अवैध वसूली के गहरे दाग पहले से लगे हैं। ऐसे लोगों की सपंत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है।

                पुलिस कप्तान मंयक श्रीवास्तव ने कार्यभार लेते समय पत्रकारों से इशारों में बताया था कि जरूरत पड़ने पर क्राइम ब्रांच या अलग से विशेष टीम बनायी जा सकती है। लेकिन आईजी पवन देव ने क्राइम ब्रांच गठन को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया था। जिसके चलते मंयक श्रीवास्तव ने स्पेशल टीम को ढंडे बस्ते में डाल दिया था।

                     पवन देव के हटते ही पुलिस कप्तान ने विशेष टीम का गठन किया है। टीम में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जिन्हें लेकर क्राइम ब्रांच को भंग करना पड़ा था। क्राइम ब्रांच से जुड़े कर्मचारियों की सम्पत्ति की जांच भी हो रही है।

               जानकारी के अनुसार एडिश्नल एसपी ग्रामीण क्राइम ब्रांच से जुड़े पुलिसकर्मियों की संपत्ति की जांच कर रहे हैं। एडिश्नल एसपी ने एसडीएम को पत्र लिखकर पटवारियों के माध्यम से जानकारी मंगाई है। इस बीच एसपी ने अपराध नियंत्रण के लिए स्पेशल टीम का गठन कर दिया है। टीम में एक एएसआई, 5 हवलदार, 12 आरक्षकों को शामिल किया गया है।

                 18 सदस्यीय टीम में पुराने पुलिसकर्मी भी हैं जो पूर्व में क्राइम ब्रांच और विशेष टीम के सदस्य रह चुके हैं। सिविल लाइन सीएसपी लखन पटले को विशेष टीम का प्रभारी बनाया है।विशेष टीम में चार प्रशिक्षु डीएसपी अमित पटेल,अर्जुन कुर्रे, निमिषा पांडेय और नेहा वर्मा को भी शामिल किया गया है।  देखना होगा की विवादो के साथ बनी स्पेशल टीम अपराधों पर कितना अकुंश लगाने में सफल होती है।

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