कोई चारा नहीं

Shri Mi
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SUNDAY_FILE_SDसंजय दीक्षित।महिला कांस्टेबल की शिकायत मामले में सरकार को न चाहते हुए भी बिलासपुर आईजी को बदलना पड़ा। वैसे, आईजी के कामकाज से सरकार को कोई शिकवा नहीं था। लेकिन, महिला की शिकायत के बाद स्थिति प्रतिकूल हो गई। सरकार के रणनीतिकार मानते हैं, आईजी को बदलने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं था। क्योंकि, इसी तरह के केस में एआईजी संजय शर्मा को छह महीने पहिले बर्खास्त किया गया है। सरकार को अंदेशा था, किसी प्रेशर में महिला ने अगर शिकायत की होगी, तो उसे दो-एक दिन में वापिस ले लेगी। पर ऐसा हुआ नहीं। उल्टे वह गायब हो गई। फिर, इस तरह के केस में जिस तरह आईएएस एकजुट होते हैं, वैसा कल्चर आईपीएस में कभी रहा नहीं। अलबत्ता, पुलिस महकमे की एक लाबी उल्टे आईजी को निबटाने में जुट गई। सामने विधानसभा था। सो, विपक्ष के हमले को कुंद करने के लिए आईजी को बदलना पड़ गया।

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वैकेंसी फुल

रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग आईजी की वैकेंसी फुल होने से सबसे ज्यादा कोई आईपीएस प्रभावित होगा तो वे हैं अमित कुमार। अमित सीबीआई में डेपुटेशन पर हैं। सितंबर में पांच साल की प्रतिनियुक्ति पूरी हो जाएगी। इसके बाद यहां लौटेंगे। मगर दिक्कत यह है कि ठीक ठाक कोई रेंज खाली नहीं है। अमित सरकार के क्लोज अफसर माने जाते हैं। और, अंदर की बात यह है कि रायपुर आईजी के लिए उन्हीं का इंतजार किया जा रहा था। साढ़े तीन साल होने के बाद भी जीपी सिंह के रुके होने के पीछे वजह भी यही थी। सरकार चाह रही थी कि अमित के लौटने पर एक साथ आर्डर निकला जाए। प्लान था, अमित कुमार रायपुर, प्रदीप गुप्ता बिलासपुर और जीपी सिंह दुर्ग जाएंगे। मगर पवन का ऐसा झोंका आया कि प्लान धरा-का-धरा रह गया। बदले हालात में जीपी ने मना कर दिया। आनन-फानन में दिल्ली में विवेकानंद से संपर्क साधा गया। उनकी लौटने की सहमति मिलने के बाद बिलासपुर के सामने विवेकानंद लिखकर आर्डर निकाल दिया गया।

ना बाबा!

रायपुर के आईजी जीपी सिंह साढ़े तीन साल के टेन्योर का कीर्तिमान बनाया। मगर बहुत कम लोगों को पता है कि एक और रिकार्ड बनाने के चांस उन्होंने खुद ही छोड़ दिया। सोमवार शाम जब आईजी की लिस्ट फायनल हो रही थी, 8.20 बजे सीएम सचिवालय से उनके पास फोन आया, आपको दुर्ग भेजा जा रहा है। लेकिन, जीपी ने आग्रह किया, कुछ दिन मैं पीएचक्यू में रहना चाहता हूं। जीपी बोले, साढ़े तीन साल हो गया है सर….! जीपी से यह सुनकर फोन करने वाले अफसर भी चैंके। मगर जीपी की बातों से वे कंविन्स हो गए । इसके बाद दुर्ग के लिए दिपांशु काबरा का नाम तय हो गया। जीपी अगर दुर्ग आईजी बन जाते तो रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, प्रदेश के तीनों बड़े रेंज का आईजी बनने का रिकार्ड बनाते। अब, आप पूछेंगे जीपी को इतना वेटेज क्यों? तो उसकी वजह कवर्धा का कफ्र्यू था। हफ्ते भर पहिले जालेश्वर महादेव चोरी होने के बाद कवर्धा में जब तनाव हुआ, तो वीवीआईपी जिले की स्थिति को संभालने के लिए यहां से जीपी को कवर्धा भेजा गया। जीपी ने दो घंटे में सिचुएशन को काबू में करके रायपुर में रिपोटिंग कर दी थी। इससे सीएम भी खुश हुए, उनके सांसद बेटे ने उन्हें शाबासी दी और डीजीपी ने भी। ऐसे में, जीपी से पूछना तो बनता ही था।

बदलेंगे नजीब जंग

दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग इस महीने के अंत तक बदल सकते हैं। बदलने का कारण समझा जाता है कि वे अरबिंद केजरीवाल को काबू नहीं कर पा रहे हैं। केजरीवाल हर मामले में सवा सेर साबित हो जा रहे हैं। जबकि, उपर वाले चाहते हैं, उपराज्यपाल ऐसा हो, जो केजरीवाल को टाईट कर सकें। बहरहाल, ऐसे शख्स की खोज हो चुकी है। सूबे के लिए यह खबर इसलिए अहम है कि अगला उपराज्यपाल जो बनेगा, उसका छत्तीसगढ़ से करीबी रिश्ता होगा। महीने, दो महीने में उस शख्स का छत्तीसगढ़ का चक्कर लग जाता है। सब्र रखिए, जल्द ही नाम भी आपको मालूम चल जाएगा।

विधानसभा के बाद

रिटायरमेंट के बाद पोस्टिंग की आस में बैठे कई आईएएस अफसरों को विभिन्न तरह की बीमारियां घर करने लगी है। किसी को ब्लडप्रेशर का दौरा पड़ रहा है तो कोई मेंटल प्राब्लम होने पर डाक्टर का चक्कर लगा रहा है। अड़ोसी, पड़ोसी, नाते-रिश्तेदार न्यू पोस्टिंग के बारे में पूछ-पूछकर तंग कर रहे हैं, सो अलग। खैर, उनके लिए राहत की बात है कि सरकार ने संकेत दिए हैं कि विधानसभा के बाद पोस्टिंग दे दी जाएगी। लाल बत्ती के प्रबल दावेदारों में अभी डीएस मिश्रा, ठाकुर राम सिंह और दिनेश श्रीवास्तव हैं। सरकार से हरी झंडी मिली तो एडिशनल चीफ सिकरेट्री एनके असवाल को भी वीआरएस के लिए तैयार ही समझिए।

आईजी की हैट्रिक

बिलासपुर के नए आईजी विवेकानंद बिहार से हैं। पवनदेव भी बिहार के थे और उनसे पहिले राजेश मिश्रा भी बिहार से ही रहे। याने बिलासपुर रेंज में हैट्रिक बन गई बिहार के अफसरों की। आईपीएस के ट्रांसफर में संयोग यह भी रहा कि विवेकानंद और दिपांशु काबरा जहां एसपी रहे, वहीं आईजी भी बनें। इससे पहले, मुकेश गुप्ता, अशोक जुनेजा सेम जिले में एसपी, आईजी रहे। मुकेश दुर्ग और रायपुर में एसपी और आईजी रहे, जुनेजा बिलासपुर और दुर्ग में।

पोस्टिंग या अभिशाप?

आईपीएस अफसरों को बिलासपुर की पोस्टिंग अब अभिशाप प्रतीत होने लगी है। इसकी वजह भी है। एसपी जयंत थोरात के समय से बिलासपुर पुलिस पर राहू-केतू सवार हुआ, वह टस-से-मस नहीं हो रहा है। बात थोरात से ही शुरू करते हैं। थोरात दबंग फिल्म देखने गए थे। गेटकीपर पहचाना नहीं। टोकाटोकी कर दी। इसके बाद पुलिस वालों की पिटाई से गेटकीपर की मौके पर ही मौत हो गई थी। थोरात के बाद एसपी अजय यादव स्व0 दिलीप सिंह जुदेव के शिकार बन गए। जुदेव के एक लाइन के आरोप, बिलासपुर में प्रशासनिक आतंकवाद चल रहा है, सरकार ने अजय की छुट्टी कर दी थी। एसपी राहुल शर्मा ने सुसाइड ही कर ली। आईजी जीपी सिंह को तीन महीने में ही हटना पड़ गया। इसके बाद आईजी बीएस मरावी की हर्ट अटैक से मौत हो गई। आईजी राजेश मिश्रा का सब ठीक रहा मगर आरसी पटेल को रिटायरमेंट के दिन एडीजी बनाने के चक्कर में सरकार ने जबरिया उन्हें भी एडीजी बना दिया। जबकि, राजेश ऐसा कतई नहीं चाह रहे थे। एडीजी बनने के बाद उन्हें वहां से हटना पड़ गया। और अब पवनदेव भी ग्रह-नक्षत्र के शिकार हो गए। इस पीरियड में सिर्फ अशोक जुनेजा ऐसे आईजी रहे, जिन्होंने अपने उपर राहू का असर नहीं होने दिया और अलबत्ता, वहां से दुर्ग आईजी बनकर शिफ्थ हुए। नए आईजी विवेकानंद और एसपी मयंक श्रीवास्तव को जुनेजा से उस पंजाबी पंडित का पता पूछ लेना चाहिए, जिसके टोटका से बिलासपुर में जुनेजा न केवल राहू पर भारी पड़े बल्कि शानदार कैरियर एंजाय कर रहे हैं।

जोगी इज जोगी

ईद के रोज रायपुर के ईदगाह मैदान में भूपेश बघेल और अजीत जोगी दोनों लगभग एक साथ ही पहंुंचे थे। दोनों के लिए अलग-अलग मंच बनाया गया था। जोगी के आते ही उनसे हाथ मिलाने के लिए धक्का-मुक्की शुरू हो गई और भूपेश खाली बैठे रहे। जबकि, भूपेश के साथ मेयर और पूर्व कुछ पूर्व एमएलए थे। और, जोगी अकेले थे। जाहिर है, भूपेश को आक्वड फिल हुआ होगा। फौरन वे उठकर चले भी गए। इसे भूपेश के रणनीतिकारों की चूक मानी जानी चाहिए। बिना होमवर्क के अपने नेता का कार्यक्रम तैयार कर दिया। जबकि, मालूम था कि वहां जोगी भी आने वाले हैं। पता नहीं, भूपेश अपने सिपहसालारों पर विचार क्यों नहीं करते।

अंत में दो सवाल आपसे

1. सत्ताधारी पार्टी के किस बड़े नेता की महिला के साथ अंतरंग मुद्रा में खड़े फोटो वायरल हो रही है?

2. किस कांग्रेस नेता की एक सीडी जारी होने की चर्चा है?

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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