बिलासपुर। कड़ी मेहनत, अनुशासन और संयम से आपको जीवन के किसी भी आयाम में सफलता मिल सकती है इसका जीवंत उदाहरण हैं गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी संस्थान के रवि किशोर और हेमंत नारायण दक्षिणमूर्ति। जो विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई,मास्टर्स करने के लिए अमेरिका के अलग-अलग विश्वविद्यालयों इंडियाना यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास जाएंगे।केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी संस्थान के कंप्यूटर साइंस विभाग से बी.टैक की पढ़ाई करने वाले आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले रवि किशोर ने अपने जूनियर साथियों को सलाह दी कि सफलता हासिल करने के लिए मेहनत, अनुशासन, संयम और कभी ना हार मानने भी भावना के अतिरिक्त कोई और विकल्प नहीं है। रवि किशोर ने ग्रेजुएट रिकॉर्ड एक्सामिनेशन यानी जीआरई में 302 नंबर स्कोर किये। रवि किशोर ने अपने विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष श्रीवास्तव को सफलता का श्रेय देते हुए उन्होंने धन्यवाद दिया।
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मैकेनिकल इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई करने वाले हेमंत नारायण दक्षिणमूर्ति मूलत: चेन्नई के रहने वाले हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री हासिल की। जीआरई परीक्षा में हेमंत को 310 का स्कोर मिला। अपनी सफलता के आधार पर जूनियर साथियों को सलाह देते हुए हमेंत ने कहा कि सफलता, एक दिन के प्रयास का परिणाम नहीं है बल्कि लक्ष्य को साधकर उस पथ पर योजनाबद्ध तरीके से एकाग्रचित होकर चलने पर ही हासिल हो सकती है।सामान्य रूप से विदेश की किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान में दाखिले के लिए जीआरई की परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है।