ब्राम्हणों ने लगाई न्याय की आवाज

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160508-WA0385बिलासपुर— राजेन्द्र तिवारी को न्याय दिलाने आज सर्वब्राम्हण समाज ने न्याय यात्रा का विगुल फूंका है। यात्रा में ब्राम्हण समाज के अतिरिक्त अन्य समाज के लोगों ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। यात्रा दयालबंद स्थित शीतला मदिर से शुरू होकर गांधी गौक में खत्म हुई। यात्रा में शामिल लोगों ने एकजुटता दिखाते हुए राजेन्द्र तिवारी को न्याय दिलाने तक संघर्ष का एलान किया है।

                                       आज विप्र समाज ने एक जुटता दिखाते हुए जय परशुराम जयघोष के साथ न्याय यात्रा निकाली। राजेन्द्र तिवारी के समर्थन मे नारे लगाए। लोगों ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई किये जाने की मांग की। न्याय यात्रा भारी भीड़ के साथ दयालबंद स्थित माता शीतला मंदिर से शुरू होकर गांधी चौक पर खत्म हुई। न्याय यात्रा में समाज के सभी वरिष्ठ और युवा पीढ़ी भी शामिल हुई।

                       ब्राम्हण समाज के वरिष्ठों ने बताया कि ब्राम्हण समाज आज संकट के दौर से गुजर रहा है। समाज के अन्य वर्गों को कहीं ना कहीं से संरक्षण है लेकिन ब्राम्हण समाज आज अपने आपको असहाय पा रहा है। परशुराम जयंती के पूर्व न्याय यात्रा के जरिए बताने का प्रयास किया गया है कि जब तक राजेन्द्र तिवारी को न्याय नहीं मिलता है तब तक ब्राम्हण समाज का एक-एक सदस्य प्रशासन को चैन से नहीं बैठने देगा। रैली में शामिल लोगों ने सत्ताधीशों और प्रशासन पर ब्राम्हणों को जान बूझकर परेशान करने का आरोप लगाया है।

                                               भाजपा के युवा नेता ने बताया कि राजेन्द्र तिवारी ना केवल एक ब्राम्हण बल्कि प्रशासन से सताया गया इंसान था। परिवार का जिम्मेदार सदस्य था। आज उसका परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। जिस प्रकार राजेन्द्र तिवारी जीते जी प्रशासनिक अत्याचार का शिकार था। न्याय के लिए एसडीएम के दरबार में नाक रगड़ रहा था। उसी तरह अब उसका परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। युवा नेता ने बताया कि जब तक राजेन्द्र तिवारी को न्याय नहीं मिल जाता है। ब्राम्हण समाज चैन से नहीं बैठेगा। न्याया यात्रा के समापन पर सभी विप्र जनों ने राजेन्द्र तिवारी को श्रद्धांजली दी और अंतिम दम तक संघर्ष करने का एलान किया।

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