मासूम देवेन्द्र को किसने बनाया अनाथ…..?

BHASKAR MISHRA
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VISUAL--4pati_patniबिलासपुर—नियति  कहे या फिर बच्चे की किस्मत… समझ में नहीं आता क्या कहें..किसे भाग्यशाली कहें और किसे बदकिस्मत…आज सब कुछ एक साथ एक ही स्थान पर देखने को मिला। न्यायधानी बिलासपुर में सडक हादसे में एक साथ तीन हादसे हुए। हादसे में पति और पत्नी ने दम तोड़ा एक बच्चा अनाथ हो गया। हादसे का जिम्मेदार कौन है.. सवाल सबके दिमाग में उठना चाहिए।  9 महीने के देवेन्द्र पर अनाथ होने का चस्पा किसने लगाया…उत्तर मिलना चाहिए। हादसे में जीवित बचे मासूम देवेन्द्र के पिता की हत्या हुई या फिर हादसा…इसका भी जवाब जरूरी है। राजकुमार ने हेलमट लगाया था…बावजूद इसके पुलिस वालों ने उसे क्यों रोका…इसका भी उत्तर मिलना चाहिए। राजकुमार को पुलिस ने रोका नहीं होता… तो वह एटीएम की ओर नहीं जाता…एटीएम नहीं जाता तो..तो एक्सीडेन्ट भी नहीं होता। मासूम देवेन्द्र के माथे पर अनाथ का चस्पा भी नहीं लगता..आज नहीं तो कल देवेन्द्र लोगों से इसका जवाब मांगेगा।
                          जरहाभाटा मंदिर चौक के पास सड़क दुर्घटना में हंसता खेलता परिवार पुलिस की अतिसक्रियता का शिकार हो गया। सड़क हादसे में मासूम के माता पिता ने दम तोड़ दिया। 9 महीने के देवेन्द्र के सिर से सरपरस्ती का साया उठ गया।  हादसे के बाद मासूम की चीख ने लोगों के सीने को छलनी-छलनी कर दिया। सड़क हादसे में जीवित बचे देवेन्द्र को कुछ भी नहीं मालूम है कि उसे अस्पताल क्यों लाया गया है। उसकी आंखे मां बृहस्पति बाई और पिता राजकुमार ढूंढ रही हैं।
         मामला बिलासपुर के मंदिर चौक जरहाभाठा का है। नवरात्री के समय मंदिर चौक पर जमकर भीड़ होती है। लेकिन आज कुछ भीड़ ज्यादा ही थी। इसकी वजह ट्रैफीक हेलमेट अभियान को लेकर पुलिस की अतिसक्रियता थी। श्रद्धालुओं के बीच खड़े होकर पुलिस वाले मोटरसायकल की जांच कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मोटरसाइकिल चलाते वक्त राजकुमार हेलमेट पहन रखा था। बावजूद इसके उसे रोका गया। वजह क्या थी..किसी को नहीं मालूम। मोटर सायकल पर राजकुमार के अलावा उसकी पत्नि बृहस्पति बाई और 9 महीने का मासूम देवेन्द्र सवार था। पूरा परिवार खुशी खुशी घर की ओर लौट रहा था। इस बीच मंदिर चौक में खड़े एक आरक्षक ने राजकुमार को रोक लिया। क्यों रोका किसी को नहीं मालूम। राजकुमार होता तो शायद जवाब मिल जाता। लेकिन बताया जा रहा है कि पुलिस ने राजकुमार से किसी चीज की माग की। जिसे लेने राजकुमार मोटरसायकल लेकर एटीएम की ओर मुडा। उसी दौरान तेज रफ्तार में आ रहे क टैंकर ने उसे अपनी चपेट में ले लिया।
                         driverदुर्घटना इतनी भयंकर थी कि राजकुमार अपनी पत्नी और मासूम बच्चे को संभाल नहीं सका। मोटरसाइकिल टैंकर से कुछ दूर गिर गयी। राजकुमार का परिवार पहिये की चपेट में आ गया। पति पत्नी ने मौके पर दम पहिए के नीचे दम तोड़ दिया। लोगों की माने तो मासूम देवेन्द्र को भी नहीं बचना था। लेकिन बच गया। जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। पहिए के नीचे मासूम की चीख सुनने के बाद तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने देवेन्द्र को अस्पताल में इलाज के लिए सिम्स में दाखिल कराया है। बताया जा रहा है कि उसका दाहिना हाथ टूट गया है। फिलहाल वह खतरे से बाहर है।
                       मासूम की चीख दिल को छलनी कर देने वाली थी। देवेन्द्र अभी भी रो रहा है। अस्पताल बेचैन है।  उसकी आंखे मां और बाप को तलाश रही हैं। सड़क हादसे के बाद पुलिस ने फरार टैंकर चालक को नाकेबंदी कर गिरफ्तार कर लिया है।
                      बहरहाल व्यवस्था बदले या ना बदले लेकिन सड़क हादसे ने देवेन्द्र के जीवन को जरूर बदल दिया है। उसके सिर पर ना तो मां का दुलार  है और ना ही पिता का प्यार। प्रश्न उठना चाहिए कि आखिर देवेन्द्र को अनाथ बनाने के लिए जिम्मेदार कौन है। मंदिर चौक में जब श्रद्धालुओं की भीड़ है तो भारी वाहनों की आवाजाही क्यों हो रही थी…नवरात्री का समय चल रहा है..मंदिर में भारी भीड़ होती है। पूजा पाठ के समय चेकिंग अभियान की जरूरत क्या थी। टैंकर स्पीड से शहर के बीच क्यों चल रहा था। ऐसे बहुत सवाल हैं…किसी का पीछा करे या ना करे…लेकिन देवेन्द्र का पीछा जरूर करेगा।
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