बिलासपुर— टांग खिंचाई से परेशान महापौर ने भाजपा पार्षदों को तीर्थ पर भेज दिया है। निगम में इन दिनों सन्नाटा पसरा है। कर्मचारियों की मौज है। बावजूद इसके महापौर को राहत नहीं है। चार एल्डरमैन और भाजपा के आधे पार्षदों ने तीर्थ पर जाने से इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि तीर्थ पर गए सभी भाजपा पार्षद विशाखापत्तनम में तीन दिन आराम फरमाने के बाद बिलासपुर लौटेंगे।
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मालूम हो कि निकाय मंत्री ने कुछ दिनों पहले महापौर और भाजपा पार्षदों को डांट फटकार के बाद पुचकारते हुए नगर के हित में मिलजुलकर काम करने की नसीहत दी थी। उन्होंने महापौर को कहा भी जरूरत पड़े तो सभी पार्षद और एल्डरमैन बाहर घूमने निकल जाए। जिससे सबका काम काज में मन लगेगा। मंत्री ने नगर वासियों की शिकायत को लेकर महापौर की जमकर खिचाई भी की। इसके बाद महापौर के निर्देश पर सभी पार्षद,एल्डरमैन और एमआईसी सदस्यों को तीर्थ पर भेजने का निर्णय लिया गया।
एक दिन पहले पहले तीर्थ के लिए भाजपा पार्षद,एमआईसी और एल्डरमैन की टीम तीर्थ के लिए रवाना हुई। लेकिन बाद में पता चला कि किशोर राय की यह तरकीब भी काम नहीं आयी। आधे से अधिक पार्षद और चार एल्डरमैन बिलासपुर छोड़कर जाने को तैयार नहीं हुए। नाराज पार्षदों और एल्डरमैन का मानना है कि तीर्थाटन से समस्या हल होने वाली नहीं है। महापौर जिस दिन अपनी कार्यशैली को बदलेंगे,गुटबाजी अपने आप दूर हो जाएगी।
नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ भाजपा पार्षदों ने बताया कि पिछले एक साल में नगर में विकास के नाम पर हमारे हाथ खाली हैं। एल्डरमैनों को ना तो सदन में सम्मान दिया जाता है और ना ही महापौर की कक्ष में। नाराज भाजपा पार्षदों ने बताया कि महापौर के पास ना तो विजन है और ना ही कुछ करने का जज्बा। तीर्थ जाने से यह सब हासिल नहीं होने वाला है।
भाजपा के एक पार्षद ने बताया कि जब से कुछ पार्षद और एमआईसी सदस्य तीर्थ पर गए हैं। तब से नगर तो नहीं लेकिन अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। इसकी मुख्य वजह तीर्थ पर गए कुछ लोगों का अधिकारियों के साथ आर्थिक संबध है।
एक एल्डरमैन की माने तो मंत्री का आदेश सिर आखों पर लेकिन महापौर इस बात को क्यों नहीं समझते हैं। उन्हें अपने से फुरसत नहीं है। भाजपा पार्षदों के निवेदन के बाद भी वे किसी की बात को नहीं सुनते हैं। वार्डों की समस्या सुरसा के मुंह की तरह बढती जा रही है। उनकी समस्यों को हम सुलझा नहीं पा रहे हैं। उनमें हमारे प्रति लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है। नतीजन हमारे प्रति लोगों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।
गुटबाजी..कम नहीं होने वाली
कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि भाजपा पार्षदों एल्डरमैन के बीच जबरदस्त गुटबाजी है। महापौर के पास ना तो विजन है और ना ही दक्षता। बिजली पानी,नाली की बात तो दूर सफाई कहां हो रही है किसी को पता नहीं। कांग्रेस ही नहीं बल्कि भाजपा के वार्डों में भी काम नहीं हो रहा है। जनता परेशान है। महापौर फंड की कमी नहीं होना बता रहे हैं। यदि ऐसा है तो काम क्यों नहीं हो रहा है।
शैलेन्द्र के अनुसार यदि भाजपा पार्षद खुलकर सामने आएं तो कांग्रेस को बल मिलेगा। महापौर को दबाव में लाकर काम कराया जा सकता है। लेकिन ऐसा संभव नहीं है। उन्होने कहा कि तीर्थ पर जाने से किसी को फायदा हुआ हो या नही हुआ हो लेकिन निगम के कुछ अधिकारी बहुत खुश हैं। समझ से परे है कि निगम की जनता त्राहि त्राहि कर रही है और निगम सरकार के मंत्री तीर्थ पर कैसे जा सकते हैं। यह बिलासपुर की जनता के प्रति भाजपा पार्षदों और महापौर की असंवेदनशीलता को जाहिर करती है।
बहरहाल निगम मे सन्नाटा है। पहले भी काम नहीं होता था अब भी नहीं हो रहा है। तीर्थाटन से नगर को फायदा हो या ना हो लेकिन कुछ पार्षदों को जरूर होगा। इतना तो तय है कि गुटबाजी में किसी प्रकार की कमी नहीं आएगी। सबसे बड़ा उदाहरण आधे पार्षदों,एल्डरमैन का तीर्थाटन पर नहीं जाना है।