रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को विधानसभा मुख्य समिति कक्ष में आयोजित बैठक में राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग और मुम्बई स्थित निजी चिकित्सा संस्थान ‘ कॉलेज ऑफ फिजिशियन एण्ड सर्जन‘ के बीच समझौता ज्ञापन पर दस्तखत हुए।मुख्यमंत्री ने एमओयू पर खुशी प्रकट करते हुए कहा कि अब हमारे राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और जिला चिकित्सालयों में भी पी.जी.डिप्लोमा की पढ़ाई हो सकेगी। इससे ज्यादा संख्या में विशेषज्ञ चिकित्सकर तैयार होंगे जो हमारी जरूरत को पूरी करेंगे। समझौता के अनुसार यह संस्था राज्य के चयनित मेडिकल कॉलेजों और जिला चिकित्सालयों में दो वर्षीय पी.जी. डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगी। इसी साल से प्रवेश शुरू हो जाएंगे।
हमारे राज्य से एमबीबीएस फाईनल ईयर से निकले छात्र इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे। प्रति वर्ष लगभग एक सौ के लगभग विशेषज्ञ निकलेंगे। यह पाठ्यक्रम प्रमुख रूप से डी.जी.ओ, डी.सी.एच, डी.ए., डीएमआरई, आर्थो, डीओआरएल, डीओएमएस सहित लगभग 30 कोर्स का संचालन करेंगी। इसके अलावा संस्था के द्वारा तीन वर्षीय फेलोशिप कोर्स भी संचालित किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में अभी लगभग 80 प्रतिशत विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। इस समझौते के बाद दो साल में यह कमी पूरी हो जाएगी और दूर-दराज के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधाएं जनता को मिलना सुनिष्चित हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि कॉलेज आफ फिजिशियन एण्ड सर्जन, मुम्बई की स्थापना साईटिफिक सोसायटी के रूप में सन् 1912 में हुई थी।
राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त अविनाश चम्पावत और उक्त चिकित्सा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गिरिश मैदरकर ने हस्ताक्षर कर दस्तावेज का आदान प्रदान किए। स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर, स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, राज्य सरकार के मुख्य सचिव विवेक ढांड सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।