बिलासपुर– जिला सहकारी संस्थाएं कार्यालय की मुसीबत कम होते नजर नही आ रही है। दबाव के बाद भी सहकारी संस्थाओं के कर्मचारी अपनी आदतो से बाज नही आ रहे हैं। दिनों दिन हनुमान की पूंछ की तरह शांखा प्रबंधकों की घोटाला सूची लंबी हो रही है। शाखा प्रबंधकों पर अधिकारियों का कोई असर नहीं होते दिखाई दे रहा है। लखराम सहकारी प्रबंधक और रतनपुर शाखा प्रबंधक पर उप-पंजीयक के आदेश का कोई असर नहीं है। होता तो चार पांच महीने पहले ही दोनो प्रबंधक बर्खास्त हो चुके होते।
तीन- चार बार नोटिस और जांच आदेश के बाद भी रतनपुर शाखा प्रबंधक और लखराम सोसायटी प्रबंधक किसानों का रूपया हजम कर सीना तानकर घूम रहे हैं। शिकायत, नियम और सरकारी आदेश का उन पर कोई असर नही है। लखराम प्रबंधक इंदर यादव सोसायटी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ना केवल खुद का वेतन बढ़ाया..बल्कि लेन देन कर जांच को प्रभावित किया है। लखराम सोसायटी प्रबंधक इंदर यादव की माने तो काजल की कोठरी में रहना है तो डर किस बात की। मैने जो कुछ किया..ऊंचे अधिकारियों के आदेश और दिशा निर्देश में। उस पर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। मजेदार बात तो यह है कि रतनपुर शाखा प्रबंधक चन्द्र कुमार तिवारी जो खुद भी करोड़ों के घोटाले में दोषी है उसने भी उप-पंजीयक के आदेश को ना मानते हुए नियमों का माखौल उ़डाया है।
लखराम सोसायटी शाखा प्रबंधक के आगे जिला उप-पंजीयक लाचार है। जानकारी के अनुसार शाखा प्रबंधक इंदर यादव के रूतवे केआगे उप-पंजीयक कार्यालय का पत्ता नहीं हिलता। इंदर यादव ने सीजी वाल को बताया कि मेरे खिळाफ जांच का कोई मतलब नहीं है। जैसा चाहूंगा उप-पंजीयक कार्यालय वैसा ही करना । मालूम हो कि शाखा प्रबंधक इंदर कुमार यादव पर साल 2012-13 में धान उपार्जन में ग़डबड़ी का आरोप है। शिकायत के बाद इंदर के खिलाफ उप-पंजीयक ने नोटिस जारी किया गया। उप- पंजीयक ने जांच का आदेश दिया था। लेकिन कर्मचारियों ने ना तो जांच किया और ना ही अधिकारी के सामने प्रतिवेदन ही सौंपा।
लखराम सोसायटी के किसानों ने बताया कि इंदर के खिलाफ उन लोगों ने उप-पंजीयक कार्यालय में धान खरीदी में गड़बड़ी के अलावा,बारदाना में शार्टेज और अवैध वसूली की शिकायत की थी। साल बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। उन्होने लिखित रूप से उप-पंजीयक को बताया था कि लखराम सोसायटी मैनेजर ने ना केवल चालिस हजार रूपए का गवन किया बल्कि मनमानी कर दुर्ग बायलाज का हवाला देकर खुद का वेतन सात हजार से बढ़ाकर दस हजार सात सौ कर लिया है। उप-पंजीयक ने लखराम सोसायटी प्रबंधक के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने का आदेश रतनपुर शाखा प्रबंधक चंद्रकुमार तिवारी को दिया। चंद्र कुमार तिवारी को प्रशासक भी नियुक्त किया गया। उप- पंजीयक ने शिकायत के बाद लखराम प्रबंधक को पद से हटाने को कहा। किसानों ने बताया कि इंदर यादव सेल्समैन हुआ करता था। लेकिन जोड़तोड़ कर शाखा प्रबंधक बन गया। बावजूद इसके उसके खिलाफ आज तक शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की गयी।
लखराम सोसायटी अध्यक्ष उमेन्द्र यादव ने बताया कि यह जानते हुए भी इंदर यादव ने धान खरीदी में घोटाला किया है। उसे जिला सहकारी समिति ने वर्तमान में धान खरीदी का आदेश दिया । उसने अध्यक्ष की बिना सहमति और निर्देश पर उपाध्यक्ष से मिलकर बैंक से किसानों के तीन लाख रूपए भी निकाल लिए। उमेन्द्र के अनुसार शिकायत के बाद उप-पंजीयक ने बोर्ड को भंग किया। बाद में बोर्ड बहाल भी हो गया। लेकिन आज तक इंदर पर उप-पंजीयक के आदेश के अनुसार ना तो एफआईआर दर्ज हुआ और ना ही अतिरिक्त वेतन की वसूली हुई। उसके उलट इंदर की दादागिरी बढ़ गयी है। अब धमकी देता है कि मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता है। उमेन्द्र ने बताया कि लखराम प्रबंधक को रतनपुर शाखा प्रबंधक चन्द्रकुमार तिवारी बचा रहे हैं। जिसने करोड़ों रूपए के घोटाले को अंजाम दिया है।
जानकारी के अनुसार चंद्रकुमार तिवारी ने रानीगांव सोसायटी में रहते हुए एक करोड़ से अधिक रूपयों का घोटाला किया है। चपोरो में लाखों रूपए के घोटालों को अंजाम दिया है। किसानों का कहना है कि उसकी भी लगातार शिकायत हुई बावजूद इसके उस पर आज तक कार्रवाई नहीं की गयी है। प्रश्न उठता है कि लखराम सोसायटी के जांच का जिम्मा तिवारी को ही क्यों दिया गया। ऐसे में जब वह खुद दागदार है। और जांच के दायरे में है।
विशेष जानकारी—सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रतनपुर शाखा प्रबंधक चंद्रकुमार तिवारी पहले रानीगांव में सामान्य सा कर्मचारी हुआ करता था। देवेन्द्र पाण्डेय के कार्यकाल में उसे रतनपुर सहकारी समिति में नियमों को नजरअंदाज कर लेखापाल बनाया गया। मात्र एक साल बाद चंद्रकुमार तिवारी रतनपुर शाखा प्रबंधक बन गया। कुछ लोगों का कहना है कि लेन-देन के बाद सब कुछ संभव है।
मालूम हो कि शाखा प्रबंधक की तमाम योग्यताओं में अनुभव और अकादमी रिकार्ड का महत्व होता है। चन्द्रकुमार तिवारी 11 वीं थर्ड क्लास बाय ग्रेस पास हुआ हैं। जबकि शाखा प्रबंधक के लिए ग्रेजुएट का होना अनिवार्य है। देवेन्द्र की कृपा से चन्द्रकुमार तिवारी वरिष्ठों को पीछे धकेलकर रतनपुर शाखा प्रबंध बन गया । इस बीच उसने विभिन्न सोसायटियों में शासन को करोड़ों का चूना लगाया ।संभागीय पंजीयक ठारगवे का कहना है कि शाखा प्रबंधक के लिए ग्रेजुएट और वरिष्टता को प्राथमिकता दी जाती है। इसकी जांच होगी। जांच में वित्तीय अनियमितता को भी शामिल किया जाएगा।
53 ख के तहत होगी कार्रवाई
मुझे इस मामले की जानकारी है। पहले आदेश जारी कर लखराम शाखा प्रबंधक से वसूली करने का निर्देश रतनपुर शाखा प्रबंधक को दिया था। प्रशासक चंद्रकुमार तिवारी को बनाया था। जांच के लिए सीईओ को भेजा था। आज तक रिपोर्ट नहीं मिली है। बोर्ड भी भंग किया था। लखराम शाखा प्रबंधक किस आधार पर अपना वेतन बढ़ाया लिया। शासन के ऐसे किसी नियम की जानकारी उन्हें नहीं है। एक बार फिर सामने मामला सामने आया है। जांच का विषय है कि तीन तीन आदेश के बाद भी अभी तक उनके सामने रिपोर्ट पेश क्यों नहीं किया गया। लखराम सोसायटी प्रबंधक के खिलाफ 53 ख के तहत नोटिस जारी कर रहे हैं। सात दिन का समय दिया गया है। गलती पाए जाने पर इंदर को ना केवल हटाया जाएगा बल्कि एफआईआर दर्ज कर शासन के रूपयों की वसूली होगी। तीन लाख रूपए बिना अध्यक्ष के परामर्श और हस्ताक्षर से बैंक से कैसे निकलवा इसकी भी जांच करेंगे।
डी.आर.ठाकुर..जिला उप-पंजीयक सहकारी संस्थाएं बिलासपुर
रतनपुर सहकारी समिति प्रबंधक के खिलाफ जांच
जिला उप-पंजीयक सक्षम अधिकारी हैं। मामले को उनके संज्ञान में व्यक्तिरूप रूप से लाउंगा। शासन के नियम पूरे प्रदेश में एक ही है। इंदर ने अपना वेतन किस आधार पर बढ़ाया । उसकी जानकारी ली जाएगी। बढ़े हुए वेतन की वसूली होगी। रतनपुर सहकारी समिति प्रबंधक चंद्र कुमार तिवारी के खिलाफ जांच होगी। जांच के दौरान रानीगांव,चपोरा और लखराम सोसायटी में किये किए अनियमितताओं का लेखा जोखा होगा। दोषी पाए जाने पर चंद्र कुमार को हटाया जाएगा। नियमों के विपरीत कैसे शाखा प्रबंधक बन गए इस पर भी जांच करेंगे। एकेडमिक रिकार्ड भी खंगाला जाएगा।
ठारगावे..ज्वाइंट रजिस्ट्रार. संभाग बिलासपुर
लखराम सोसायटी की जांच
शासन के आदेश के अनुसार मुझे जांच के बाद प्रतिवेदन सौंपने को कहा गया है। तीन चार दिन के भीतर जांच पूरी कर उप-पंजीयक को सौंप दिया जाएगा। किन्ही कारणों से पुराने जांच पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बारे में मैं कुछ भी नहीं जानता
अरूण शर्मा…सीईओ..जिला उपंजीयक.बिल्हा