रायपुर–राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता की स्वस्थ परम्परा बनाए रखने मुख्यमंत्री ने गृह पुलिस विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। गृह विभाग ने मंत्रालय से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर पत्रकारों पर ज्यादातियों को रोकने और उनके विरूद्ध चल रहे आपराधिक प्रकरणों के उच्च स्तरीय जांच को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। आदेश के अनुसार ऐसे मामलों में शासन और पत्रकारों के बीच आवश्यक समन्वय के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समन्वय समिति का भी गठन किया गया है।
मंत्रालय से जारी पत्र के अनुसार समय-समय पर पत्रकारों के विरूद्ध आपारिधक प्रकरण दर्ज करने या गिरफ्तार करने की स्थिति में पत्रकारिता की स्वतंत्रता के मुददे पर सवाल उठते हैं। शासन को कई बार इस प्रकार की शिकायतें भी मिली हैं। किसी पत्रकार पर पुलिस कर्मियों द्वारा ज्यादती की गयी है। पत्र में मध्यप्रदेश शासन के गृह पुलिस विभाग के तहत इस पर अंकुश लगाने की कार्रवाई का जिक्र किया गया है। वही व्यवस्था अब छत्तीसगढ़ में लागू रहेगी।
आदेश के अनुसार पत्रकारों पर ज्यादतियां होने की शिकायतों को संचालक जनसम्पर्क विभाग एकत्रित कर पुलिस मुख्यालय में कार्यरत उप पुलिस महानिरीक्षक शिकायत को भेजेंगे। संचालक जनसम्पर्क से प्राप्त प्रकरणों में पुलिस मुख्यालय द्वारा आवश्यक कार्रवाई किए जाने के बाद इसकी सूचना संचालक जनसम्पर्क को और प्रतिलिपी गृह विभाग को दी जाएगी।
इस संबंध में राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि यदि किसी भी पत्रकार के विरूद्ध प्ररकण कायम किया जाता है, तो उन प्रकरणों में चालान किए जाने के पहले उपलब्ध साक्ष्य की समीक्षा संबंधित पुलिस अधीक्षक और क्षेत्रीय उप पुलिस महानिरीक्षक करें। यदि प्रकरण दुर्भावनावश कायम किया गया है, तो तत्काल उनको समाप्त करने के निर्देश दें। बगैर समीक्षा किए हुए प्रकरणों का चालान न्यायालय में प्रस्तुत न किया जाए। प्रत्येक तिमाही में क्षेत्रीय उप पुलिस महानिरीक्षक इस प्रकार के प्रकरणों की समीक्षा करेंगे और वे पुलिस महानिदेशक को सूचना भेजेंगे।
इसके अतिरिक्त शासन स्तर पर एक उच्च स्तरीय समन्वय समिति का भी गठन किया गया है, जो पत्रकारों और शासन के बीच आपराधिक प्रकरणों और संबंधित विषयों में आवश्यक समन्वय स्थापित करने की कार्रवाई करेगी। समन्वय समिति के अध्यक्ष सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव होंगे। समिति में गृह पुलिस विभाग के सचिव, पुलिस मुख्यालय की अपराध अनुसंधान शाखा के प्रभारी अधिकारी और शासन द्वारा नामांकित दो वरिष्ठ पत्रकार सदस्य होंगे। समन्वय समिति में जनसम्पर्क विभाग के संचालक सदस्य सचिव होंगे।
प्रक्रिया के अनुसार यदि कार्रवाई से संतुष्टि नहीं होती है, तो प्रकरणों में उच्च स्तरीय समन्वय समिति के पास भेजा जाएगा। समिति द्वारा विचारण से संबंधित मामले के चयन का अधिकार संचालक जनसम्पर्क के पास रहेगा। पत्रकार के रूप में किए गए किसी कार्य के कारण पत्रकारो के विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों के संबंध में यह उच्च स्तरीय समन्वय समिति पुलिस और पत्रकारों के बीच समन्वयक की भूमिका का निर्वहन करेगी। समिति पुलिस और पत्रकारों की ओर से आवश्यक सूचना और जानकारियों को आदान-प्रदान करेगी। इसके लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त करने और प्रकरण से जुड़े पक्षो को बुलाने के लिए समिति आवश्यक निर्देश भी जारी करेगी।
आदेश की कापी पुलिस महानिदेशक और सामान्य प्रशासन विभाग तथा जनसम्पर्क विभाग के सचिवों सहित समस्त संभागीय कमिश्नरों, कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारियों, रेंज पुलिस महानिरीक्षकों और सभी पुलिस अधीक्षकों को भी भेजी गयी है।