भोरमदेव अभ्यारण्य को सँवारने हो रही तैयारी

Chief Editor
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bhoramरायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के प्रमुख वन्य प्राणी अभ्यारण्य भोरमदेव में वन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। डॉ. सिंह गुरुवार रात को अपने निवास कार्यालय में राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर पन्द्रह दिवस के भीतर कार्य-योजना प्रस्तुत करने को कहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि कबीरधाम जिले में स्थित भोरमदेव अभ्यारण्य पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश की कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान और छत्तीसगढ़ के अचानकमार अभयारण्य को जोड़ता है। राष्ट्रीय वन्य प्राणी बाघ सहित बड़ी संख्या में जानवरों की आवा-जाही के लिए यह गलियारे का काम करेगा। अभ्यारण्य इलाके और आस-पास पर्यटकों के लिए ठहरने और वहां तक पहुंचने के लिए सुगम पहुंच मार्ग की सुविधा विकसित कर दी जाए, तो बड़ी संख्या में पर्यटको के आने की संभावना बढ़ जाएगी। मुख्य सचिव विवेक ढाण्ड सहित मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अमिताभ जैन, वन विभाग के प्रमुख सचिव आर.पी. मण्डल, उद्योग एवं वाणिजय विभाग के सचिव  सुबोध कुमार सिंह, पर्यटन विभाग के अतिरिक्त सचिव संतोष मिश्रा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. ए.बोआज, मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक डॉ. बी.एन द्विवेदी आदि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

                          मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने बैठक में कहा कि भोरमदेव जंगल में पर्याप्त चारागाह और पानी की व्यवस्था किया जाना चाहिए। चारा-पानी की उपलब्धता से यहां हिरण, खरगोश सहित शाकाहारी जानवरों की तादाद बढ़ेगी। यही शाकाहारी जानवर बाघ जैसे जानवरों के लिए आहार का काम करेगा और उनकी भी संख्या बढ़ेगी। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र में अभी चार बाघ देखे गए हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि कैम्पा मद के अंतर्गत घास के मैदान विकसित किए जा सकते हैं। रकम की कोई कमी नहंी होगी। डॉ. सिंह ने कहा कि अभी सूखे के हालात हैं, महात्मां गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना का उपयोग करके तालाब, नदी बंधान तथा अन्य जल संरचनाओं का विकास किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी तथा राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए ठहरने की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के बड़े निजी होटलों से भी सम्पर्क किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी हवाई यात्रा के जरिए जबलपुर से होकर कान्हा किसली आते हैं, चूकि जबलपुर का एयरपोर्ट अभी बंद हो गया है। इसलिए हमें इसका फायदा उठाना चाहिए।

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